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वर्ल्ड ब्राहमण फेडरेशन के प्रदेश अध्यक्ष पहुंचे मुख्य अतिथि के रूप में, कहा एकजुटता से ही हर काम संभव
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सरकार को बनाना ही होगा कल्याण आयोग : जिले राम
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भारी संख्या में महिला व पुरुष पहुंचे संगोष्ठी में
Yamunanagar, 14 March. रविवार को गांव गोविंद पुरी के भगवान परशुराम समुदायिक केंद्र में वर्ल्ड ब्राहमण फेडरेशन द्वारा एक ब्राह्मण संगोष्ठी का आयोजन किया गया। इस संगोष्ठी में मुख्य अतिथि के रुप में फेडरेशन के प्रदेश अध्यक्ष जिले राम पिचोलिया विशेष रूप से उपस्थित हुए। इनके साथ गुरु जंभेश्वर विश्वविद्यालय के पूर्व वाइस चांसलर राधेश्याम शर्मा, फेडरेशन के जोन प्रभारी राजेंद्र कोशिक व राजेश कुमार मुख्य रूप से उपस्थित रहे।
समुदायिक केंद्र गोविंदपुरी में पहुंचने पर भगवान परशुराम सेवा मंच के मनोज त्यागी,सतीश शर्मा, राकेश त्यागी, एनके शर्मा, परीक्षित त्यागी तथा वीरेंद्र त्यागी ने उनका स्वागत किया। इस मौके पर भारी संख्या में ब्राह्मण पुरुष व महिलाएं एकत्रित हुए जिसके चलते भगवान परशुराम समुदायिक केंद्र का सभा स्थल भी छोटा पड़ गया। ब्राह्मण समाज के विभिन्न मुद्दों व विशेष रूप से ब्राह्मण कल्याण आयोग के गठन की मांग को लेकर विभिन्न वक्ताओं ने संबोधित किया और सरकार से मांग की कि जल्द से जल्द ब्राह्मण कल्याण आयोग का गठन किया जाए।
फेडरेशन के प्रदेश अध्यक्ष जिले राम ने कहा कि जल्द ही करनाल में राज्य स्तर पर भगवान परशुराम जन्म उत्सव मनाया जाएगा जहां 100000 से भी अधिक ब्राह्मण एकत्रित होंगे। उस समय भी सरकार से यही मांग की जाएगी कि ब्राह्मण आयोग का जल्द से जल्द गठन किया जाए। जिला राम ने कहा कि जब ब्राह्मण आयोग का गठन हो जाएगा तब हमारी बहुत सी समस्याएं तो अपने आप ही खत्म हो जाएंगे। प्रदेश के करीब आधा दर्जन राज्यों में इस प्रकार आयोग का गठन किया गया है।
उनका कहना था कि भिवानी में नेकी राम मेडिकल कॉलेज का नाम बदलने की जो साजिश सरकार द्वारा की गई है उसे कामयाब नहीं होने दिया जाएगा। उन्होंने ब्राह्मण समाज की ओर से सरकार को 3 दिन का अल्टीमेटम दिया है 3 दिन में सरकार अपना निर्णय लें और इस कॉलेज का नाम नेकी राम शर्मा के नाम पर ही रहने दे। उन्होंने कहा कि अब ब्राह्मण एकजुट हो चुका है और आने वाले समय में ब्राह्मण ही मुख्यमंत्री होगा।
उन्होंने कहा कि जब देश का बंटवारा हुआ था तब भी पहला प्रधानमंत्री ब्राह्मण ही था और उसके बाद जब पंजाब का मुख्यमंत्री बना तब भी ब्राह्मण ही बना था और हरियाणा का पहला मुख्यमंत्री भी ब्राह्मण ही बना था।उन्होंने सभी ब्राह्मणों से एकजुट होने की अपील की और कहा कि यदि हम एकजुट होंगे और अपनी ताकत दिखाएंगे तो सरकार को ब्राह्मण कल्याण आयोग का गठन करना ही पड़ेगा।
राज्य स्तरीय कार्यक्रम के लिए उन्होंने प्रत्येक गांव में 5 सदस्य कमेटी तथा बड़े गांव में 11 सदस्य कमेटी के गठन की बात कही, इसके अतिरिक्त इस भव्य कार्यक्रम के लिए कहीं और कमेटियों के निर्माण की भी बात उन्होंने कही ताकि सारा काम सुचारु रुप से हो सके और एक व्यवस्थित तरीके से किया जा सके।
एकजुटता व कल्याण आयोग के गठन पर दिया बल
इससे पूर्व ब्राह्मण समाज के विभिन्न वक्ताओं ने ब्राह्मणों की एकजुटता व ब्राह्मण कल्याण आयोग के गठन पर बल दिया और कहा कि सरकार को अब इस आयोग का गठन करना ही होगा। एक देश एक कानून को लेकर भी मंच से चर्चा की गई।
मुख्य वक्ताओं में राजेंद्र कौशिक, राधेश्याम शर्मा, मनोज त्यागी, राकेश त्यागी, एनके शर्मा, सतीश शर्मा, पंडित उदयवीर कौशिक, पंडित विनय स्वरूप ब्रह्मचारी, अनुराधा शर्मा, बलजीत शर्मा, मुकेश त्यागी, प्रवीण शर्मा, सुधीर पांडे, जितेंद्र कश्यप, प्रोफेसर आरपी भारद्वाज व वीरेंद्र त्यागी आदि ने संबोधित किया। सभी वक्ताओं ने ब्राह्मणों की एकता पर बल देते हुए कहा कि अब ब्राह्मण एकजुट हो चुके हैं और सरकार को भी इस बात को संज्ञान में ले लेना चाहिए।
सभी वक्ताओं का कहना था कि राज्य स्तरीय सम्मेलन जो कि भगवान परशुराम जन्म उत्सव पर करनाल में होने वाला मैं यमुनानगर जिले से हजारों की संख्या में ब्राह्मण पहुंचेंगे। अन्य जिलों से आए विभिन्न ब्राह्मण संगठनों के प्रतिनिधियों का भी कहना था कि जो एकजुटता उन्हें गांव गोविंदपुरी के इस भगवान परशुराम समुदायिक केंद्र में दिखाई दे ऐसी एकजुटता उन्हें पूरे हरियाणा में कहीं दिखाई नहीं दी।
एक छोटी सी मीटिंग के नाम पर मानो एक विशाल रैली हो गई। इससे पूर्व कार्यक्रम का शुभारंभ भगवान परशुराम जी की प्रतिमा पर माल्यार्पण व दीप प्रज्वलित करके किया गया। इस मौके पर ब्राह्मण धर्मशाला कपाल मोचन कर्मकांड स्कूल के विद्यार्थियों ने शंखनाद की ध्वनि करते हुए स्वस्तिवाचन किया। पूरा माहौल श्रद्धा में हो गया और पूरा क्षेत्र भगवान परशुराम के जयकारों से गूंज उठा।
मुख्य मांगें इस प्रकार रही
बैठक में सर्वसम्मति से इस सम्मेलन में ब्राह्मणों की मुख्य मांग ब्राह्मण कल्याण आयोग का गठन करवाने के इलावा जातिगत आरक्षण को समाप्त कर आर्थिक आधार पर 36 बिरादरी के गरीब आदमियों को इस आरक्षण का लाभ मिलना चाहिए।
इसके साथ साथ सभी जाति व धर्मो को एक समान कानून बने यानी एक देश एक कानून बने, हिन्दू मैरिज एक्ट में संशोधन करके सभी जाति धर्मो में एक कानून बने व आर्थिक आधार पर मिलने वाला 10 प्रतिशत आरक्षण को बहाल किया जावे, दयोली की जमीन का मालिकाना हक दिलवाने के लिए स्पष्ट आदेश देने की मांग रखी।
यह रहे मुख्य रूप से उपस्थित
इस ब्राह्मण सम्मेलन में मुख्य रूप से पार्श्व नंद, पंडित श्रीराम शर्मा, सूरजभान, रूपचंद, कपिल पंडित, अरुण भारद्वाज, विजय गौतम, हरबंस भारद्वाज, कुणाल, मदनलाल, प्रयागराज, जनार्दन शर्मा, नीलम त्यागी, कैप्टन पूनम त्यागी, सुधा, बिंदु, इंदु, रमता वाली, सामाजिक कार्यकर्ता कुसुम ओझा, प्रोफेसर रिचा, सीमा, ज्योति, सुनीता शर्मा, राम त्यागी, सुरेश शर्मा, भारत भूषण शर्मा, राजेश शर्मा, ईश्वर शर्मा, राधेश्याम, इसके अलावा कैश्वनी मोदगिल, सेवानिवृत अधिकारी प्रदीप बक्शी, राजेश भारद्वाज, राजन, प्रीक्षित त्यागी, गौरव, राकेश कुकरा, रामपाल त्यागी, अजय त्यागी उपस्थित थे।
इसके अलावा संजीव ओझा, सुधीर पांडे, पूर्व पार्षद कुसुम त्यागी, अरुणा कौशिक, जयाकुमार, एमसी शर्मा, सरयू शर्मा, प्रियंका त्यागी, दीपक, एमआर अग्निहोत्री, अजय मंडोली, हेमंत भारद्वाज, अशोक बाबा, डॉ अभय त्यागी, संध्या शर्मा, कपिल पंडित, शिवकुमार, बलदेव शर्मा, मयंक, त्रिभुवन पांडे, पायल, शारदा, अंकुश, रंजन त्यागी, नितिन, विजय, राकेश, राघव, माधव, अरुण त्यागी, पंडित कमल, अमरपाल शास्त्री, सतवंत सुदन दिनेश शर्मा ने भी अपनी उपस्थिति दर्ज करवाई।इन सबके अतिरिक्त समाज के अन्य गणमान्य व्यक्तियों ने भी अपने विचार रखे।
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