Yamunanagar Hulchul. गीता एक शाश्वत एवं सार्वकालिक ग्रंथ है जो भारतीय उपमहाद्वीप की सीमाओं से निकलकर पूरे विश्व समुदाय को निरन्तर प्रेरित करता है, उन्हें जीवन जीने की बेहतरीन पद्धति से परिचित कराता है तथा न्याय के पक्ष में खड़े होकर मानव समाज को सर्वोचय विचार शक्ति प्रदान करता है। यह विचार जगाधरी के एसडीएम भारत भूषण कौशिक ने जिला स्तरीय अंर्तराष्ट्रीय गीता जयन्ती समारोह के उपलक्ष में स्थानीय मुकन्द लाल नेशनल कॉलेज के सभागार में उपस्थित प्राध्यापकों, विद्यार्थियों एवं नागरिकों को सम्बोध्ति करते हुए कहे।
इस अवसर पर विद्वान वक्ता पं. श्याम शुक्ल एवं डॉ. कंवल नयन कपूर ने श्रीमदभगवदगीता के दार्शिनिक एवं व्यावाहरिक पक्ष को बड़ी ही सुक्ष्मता और सहसता से प्रस्तुत करते हुए कहा कि गीता बहुआयामी ग्रंथ है इसका अध्ययन करते हुए पाठक के हृदय में जितनी अधिक जिज्ञासा होगी, गीता के अलग-अलग आयामों को जानने-समझने की उतनी ही अधिक उपलब्धि प्राप्त होगी। कॉलेज प्राचार्य डॉ. शैलेश कपूर ने मुख्य अतिथि एवं विद्वान वक्ताओं का स्वागत करते हुए गीता के महत्व को जीवन के प्रत्येक क्षेत्र के लिए महत्वपूर्ण बताया। उन्होनें कहा कि ध्र्म, सम्प्रदाय, देश तथा काल की सीमाओं से परे यह ग्रंथ मानव जीवन के लिए अमूल्य विचारों का स्त्रोत है।
श्रीमद्भगवद्गीता पर डॉ0 अनिल धवन ने भी अपने विचार सांझा किये। इस अवसर पर डॉ0 अजय शर्मा, डॉ. बी मदन मोहन, डॉ. जीके सेठी, डॉ. राहुल खन्ना, डॉ. हुकम सिंह, डॉ. पवन गाबा, डॉ. निर्मल सिंह, डॉ. हर्ष मोहन, डॉ. मीनू कलसी, डॉ. सत्यनारायण, डॉ. नीति दरयाल, डॉ. किरण सरपाल, राकेश शर्मा, नरेन्द्र वातिस, गुरूदत्त आदि उपस्थित थे।
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