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Yamunanagar : पंजाबी गायक दर्शनदीप मान का ‘किताबां पढके’ गाना रिलीज़
Yamunanagar Hulchul. कहते है संगीत ना होती तो जीवन में खुशियां न होती। हम दुख और सुख की पहंचान नहीं कर पाते। जब कभी हम उदास होते हैतो संगीत सुनकर अपने दुख तकलिफ को भुलाने की कोशिश करते है। भारत में सभ्यता के विकास के साथ ही संगीत के प्रति लोगों का लगाव रहा है। भारत में बनने वाली अधिकांश फिल्मों में गीत संगीत होता है। एक जमाने में फिल्म को हिट कराने में गीत का अहम योगदान होता था। आज भी बस, टेन, शादी-विवाह, पूजा, हवन से लेकर हर खुशियों में संगीत का होना जरूरी होता है। छोटे शहरों से निकलकर हजारों युवा सपनोंका शहर मुंबई में संगीत के क्षेत्र में अपना कैरियर बनाने के लिए जाते है। जिनमें कुछ सफल होजाते हैऔर कोई गुमनामी में खोकर रह जाता है। ऐसे ही एक उभरते हुए सिंगर है यमुनानगर निवासी दर्शनदीप मान जी। जिनका एक फरवरी को पंजाबी में गाना रिलीज़ हुआ है।
सोहन्या वे बस तेरे ते ही मरदी, ते कुडियां च तेरियां ही तारीफां करदी।
कॉलेज विच टाईम वे मैं कटेया बथेरा, हुण तेरे नाल लैणियां वे लावां अडके।।
छेती-छेती लैजा तू व्याह के मुंढया, अक्क गई हां सोहन्या किताबां पढ़ के…
ये बोल हैं यमुनानगर निवासी पंजाबी गायक दर्शनदीप मान के नए गाने ‘किताबां पढके’ के।
दर्शनदीप जी जोकि बचपन से ही गाना गाने के शौकीन रहे हैं और पिछले काफी समय से गाते आ रहे हैं। लेकिन अब अपने प्रदेश का नाम रौशन करते हुए प्रोफेशनल गाने भी बना रहे हैं। आईए जानते हैं दर्शनदीप मान से उनके बारे मेंः
दर्शनदीप जी, आपको नए पंजाबी गाने के लिए बधाई, आप अपने और अपने गाने के बारे में बताएं
‘किताबां पढके’ मेरा तीसरा पंजाबी गाना है जिसे ‘हॉर्ट ऑफ वॉयस म्यूजिक’ कंपनी ने लाँच किया है जोकि पंजाबी चौनल जोश और तडका पर भी चल रहा है। इसके अलावा यूट्यूब पर भी काफी पसंद किया जा रहा है। इसकी पूरी कामयाबी के लिए आप सभी का आर्शीवाद और प्यार चाहिए। कृप्या इसे ज्यादा से ज्यादा लाईक और शेयर करें।
आपने पढ़ाई और संगीत की शिक्षा कहां से की
मैंने यमुनानगर के एसडी स्कूल में अपनी पढ़ाई पूरी की और यहीं से मुझे संगीत का शौंक लग गया था। शुरू-शुरू में क्लॉस में दोस्तों के कहने पर ही फिल्मी गाने सुना दिया करता था और स्कूल स्टेज पर भी गाने गाए हैं। संगीत की प्रारंभिक शिक्षा मैंने यमुनानगर के ही श्री राजेंद्र जी और श्री सिंपल जी से ली। अब काफी समय से कुरूक्षेत्र यूनिवर्सिटी के म्यूजिक प्रोफैसर श्री सुरेश श्रीखंडे जी से संगीत की शिक्षा ले रहा हँ। बाकी तो आदमी पूरी उम्र सीखता ही रहता है।
आपके अब तक कितने गाने रिलीज हो चुके हैं और आगे क्या प्लानिंग है
मेरे अब तक कुल तीन गाने रीलीज हो चुके हैं जिसमें सबसे पहला गाना ‘वजदे ढ़ोल’ था। दूसरा गाना पिछले साल ‘वेट हाँ दी’ जोकि पहला वीडियो गाना था और अमर ऑडियो ने लाँच किया था। मेरा तीसरा गाना ‘किताबां पढके’ अब आपके बीच है। इसके बाद मेरी कोशिश है कि इस साल तीन और गाने रीलीज हो जाएं जिन पर अलग-अलग काम शुरू हो चुका है।
आपको कब लगा कि आपका शौंक आपका कैरियर बन सकता है या सिंगिंग इंडस्ट्री में आ सकते हैं
स्कूल टाईम से मैं सिर्फ शौंक के लिए ही गाने गाया करता था। लेकिन दोस्तों और परिवार के कहने पर मैंने इसमें कैरियर के रूप में हाथ अजमाने की सोची। मेरे तीनों ही गाने को मैंने खुद ही कंपोज किया है, सिंगर और आर्टिस्ट भी मैं खुद ही हूं। अब तीसरे गाने की रीलिजिंग और श्रोताओं से मिले प्यार के बाद लगता है कि मैं इस इंडस्ट्री में आ गया हूँ।
क्या आपको फैमिली स्पोर्ट मिला या कोई दिक्कतें आईं
मुझे मेरी फैमिली का पूरा स्पोर्ट मिला और मुझे कोई दिक्कत नहीं आई। मेरी सिंगिंग की इच्छा पर मेरी फैमिली ने हमेशा ही मुझे प्रोत्साहित किया।
आप अगले दो साल में अपने आप को कहां देखना चाहते हैं
यमुनानगर से बहुत लोग हिंदी फिल्म और पंजाबी इंडस्ट्री में पहले से ही अच्छा काम कर रहे हैं। श्रोताओं आर्शीवाद से मैं चाहता हूं कि पंजाबी इंडस्ट्री में मेरा और मेरे यमुनानगर का एक नाम हो।