यमुनानगर। भगवान शिव की महिमा सबसे अलग है प्राचीन काल से भगवान शिव को समाज का पराम्ख महादेव मना जाता है शिवरात्रि का त्यौहार पुरे जिले में हर्षोउल्लास से प्र्तेक शिवमंदिर एवं स्वयं भुषिवलिंग भटली एवं बुरिअ के पातलेश्वर मंदिर में हजारो श्रद्धालुओं ने जहां भगवान शिव की आराधना की वही अपने उज्वल भविष्य की कामना की भगवान शिव श्रिष्टि के रचियता है और प्रत्येक मानव को उसके कर्मो के अनुसार फल मिलता है। जिला यमुना नगर के गांव बाटली में लगभग साढ़े पांच हजार पुराना शिव मंदिर जहा प्राचीन ग्रंथो के अनुसार जब कौरव पांडवो का युद्ध हो रहा था तब पांडवो ने यहाँ एक दिन का विश्राम किया था तब जब वह पूजा सिमरन कर रहे थे तब उनकी पूजा से खुश होकर भगवान शंकर ने स्वयं दर्शन दिए और वही चट्टान नुमा शिवलिंग बन गया तब से आज तक वहां निरन्तर भगवान शिव एवं शिवलिंग की आराधन और पूजा हो रही है तब से यह मंदिर ऐतिहासिक मंदिर मन जाता है जहा लाखो श्रद्धालु आते है और अपनी मन की मुराद पूरी कर जाते है