वैल्फेयर एसोसिएशन ने वंदे मातरम के रचयिता बंकिम चन्द्र चटर्जी का जन्मदिवस मनाया

यमूनानगर (रादौर) । वैल्फेयर एसोसिएशन  रादौर की ओर से मंगलवार को वंदे मातरम के रचयिता बंकिम चन्द्र चटर्जी का जन्मदिवस रॉयल पैलेस रादौर में धूमधाम से मनाया गया।  इस अवसर पर एसोसिएशन के प्रधान कर्मवीर खुर्दबन ने कहा कि बंकिम चन्द्र चटर्जी ने भारतीय स्वतंत्रता संग्राम में वंदे मातरम नामक गीत गाकर उत्तर से दक्षिण और पूर्व से पश्चिमी तक जन जन को उद्वेलित किया। अंग्रेजों ने सन 1906 में बंगाल को हिंदू तथा मुस्लिम आधार पर दो भागों में बांटने का षडयंत्र रचा। इसकी भनक लगते ही लोगों में क्र ोध की लहर दौड गई। 7 अगस्त 1906 को कोलकता के टाऊन हाल में एक विशाल सभा हुई। जिसमें पहली बार यह गीत गया। जिसके एक महीने बाद 7 सितंबर को वाराणासी के अधिवेशन में भी इसे गाया गया। जिससे इसकी गुंज पुरे देश में फैल गई और स्वंत्रता के लिए होने वाली सभा, गोष्ठी व आंदोलन में वंदे मारतम का उद्घोष होने लगा। वंदे मारतम गीत पर अंग्रेजों ने प्रतिबंध लगा दिया और इसे गाने वालों को सार्वजनिक रूप से कोडे मारे जाते थे। लेकिन प्रतिबंधों स भावनाओं को ज्वार नहीं रूक सका। इस गीत की गुंज भारत सीमा पार विदेशों में पहुंच गई। स्वंत्रता मिलने के  बाद वंदे मातरम को राष्ट्रीय गान के समतुल्य मानकर राष्ट्रीय गीत का सम्मान दिया गया। इस अवसर पर वैल्फेयर एसोसिएशन रादौर की ओर से प्रधान कर्मवीर खुर्दबन,सुशील अग्रवाल, भगवतदयाल कटारिया, सतीश बठला, अमित गुप्ता, सोनू सरदार,मास्टर सुरेन्द्र चौहान, रोहित अरोडा, रणबीरसिंह छोटेलाल, सतविन्द्रसिंह रिंकू ,सूनील कांबोज, मास्टर प्रवेश कुमार, मास्टर गुरचरणसिंह, मास्टर बलजीत रोहिला, दर्शनलाल कांबोज, सुखबीरसिह सुक्खा,लालसिंह कांबोज, जगमाल पंच, मनमोहन सिंह औजला, सुभाष मटटू, मुकेश मक्की, संजय ढंडा आदि मौजूद थे।
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