पानी की समस्या पर ध्यान नहीं दिया गया तो स्थिति बहत भयावह हो सकती है : कृष्ण ढुल

सेमीनार में जल बचाने की शपथ लेते राज्य बाल कल्याण परिषद के मानद महासचिव कृष्ण ढुल, उपायुक्त गिरीश अरोड़ा व अन्‍य।
सेमीनार में जल बचाने की शपथ लेते राज्य बाल कल्याण परिषद के मानद महासचिव कृष्ण ढुल, उपायुक्त गिरीश अरोड़ा व अन्‍य।

यमुनानगर। वाटर सैनेट्री सुपोर्ट ओर्गेनाईजेशन द्वारा वर्तमान जल संकट और भविष्य की चुनौतियां पर आधारित जल मंच सेमीनार का आयोजन किया गया। इस सेमीनार में राज्य बाल कल्याण परिषद के मानद महासचिव कृष्ण ढुल ने बतौर मुख्यातिथि तथा उपायुक्त गिरीश अरोड़ा ने विशिष्ट अतिथि के रूप में शिरकत की।
जल मंच सेमीनार में बोलते हुए राज्य बाल कल्याण परिषद के मानद महासचिव कृष्ण ढुल ने कहा कि भविष्य के लिए जल को बचाने के लिए हमें अभी से जागरूक होना पडेगा और यदि समय रहते हम जल बचाने के प्रति जागरूक नहीं हुए तो हमें अनेक संकटों का सामना करना पडेगा, क्योंकि भूमि का जल स्तर निरंतर गिरता जा रहा है। उन्होंने कहा कि पीने के लिए मात्र एक प्रतिशत पानी है और बाकी पानी नालियों के माध्यम से गन्दा होकर जोहडो एवं नालों में खुला बह रहा है। जोहड पहले हमारी संस्कृति के प्रतीक थे, लेकिन आज जोहड सेफ्टी टैक बनकर रह गए है। उन्होंने कहा कि आज पानी की समस्या सारे विश्व में बनी हुई है और समय रहते इस ओर ध्यान नहीं दिया गया तो स्थिति और भी अधिक भयावह हो सकती है।
yamunanagar hulchul water programme deputy commissionerजल मंच सेमीनार में उपायुक्त गिरीश अरोड़ा ने कहा कि जल है तो कल है इत्यादि स्लोगन लिखने से पानी नहीं बचाया जा सकता।  उन्होंने कहा कि हम लोग पानी बचाने के प्रति ज्यादा संजीदा नहीं है और आवश्यकता से ज्यादा पानी का प्रयोग करते हैं। हमारे यहां पानी का बहुत अधिक मात्रा में दोहन होता है, क्योंकि अधिक मात्रा में पानी मिलने पर हम इसके महत्व के प्रति चिन्तित नहीं है। उन्होंने कहा कि जल को संचित करके आने वाली पीढियों के लिए पानी बचा सकते हैं। उन्होंने कहा कि पानी की महत्वत्ता को समझकर पानी का सदुपयोग करें। उन्होंने कहा कि प्राय: देखने में आया है कि जब पानी की आवश्यकता नहीं होती तो लोग नलों को खुला ही छोड देते हैं और पानी व्यर्थ में बहता रहता है। उन्होंने कहा कि यदि हम इसी प्रकार पानी का दुरूपयोग करते रहेंगे तो आने वाले समय में हमें पानी के घोर संकट का सामना करना पडेगा। जब पानी की आवश्यकता न हो तो नल को बंद अवश्य कर दें।
सेमीनार में जिला परिषद की अध्यक्षा रेणू बाला, हरियाणा राज्य वासो के सलाहकार लक्ष्मीकांत भाटिया, अतिरिक्त उपायुक्त के के भादू, कृषि विज्ञान केन्द्र दामला के संयोजक एवं वरिष्ठ प्रधान वैज्ञानिक डॉ. बीआर काम्बोज, वासो की जिला सलाहकार रजनी गोयल ने भी जल मंच के माध्यम से जल बचाने के प्रति अपने अपने विचार व्यक्त किये। सेमीनार के अन्त में जल बचाने की शपथ भी दिलाई गई। इस अवसर पर भाजपा के अनुसूचित जाति मोर्चा के जिला अध्यक्ष ठेकेदार ऋषि पाल, जिला परिषद सदस्य राजेश कटारिया, धर्मपाल तिगरा, ब्लाक समिति बिलासपुर के चेयरमैन महीपाल, ब्लाक समिति जगाधरी के चेयरमैन शशि दुरेजा सहित जनप्रतिनिधिगण एवं आगनबाडी वर्कर्स आदि भी उपस्थित थे।
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