#यमुनानगर_हलचल। हरियाणा के मुख्य सचिव विजय वर्धन की अध्यक्षता में विडियों कोन्फ्रैंसिंग के माध्यम से प्रदेश के कृषि एवं पंचायत विभागों के अतिरिक्त मुख्य सचिवों व कृषि महानिदेशक के अतिरिक्त सभी जिला उपायुक्तों, जिला विकास एवं पंचायत अधिकारियों, जिला राजस्व अधिकारियों, उप कृषि निदेशकों व सहायक कृषि अभियन्ताओं के साथ एवं मिटिंग का आयोजन किया गया। मिटिंग में धान के फसल अवशेषों में लगने वाली आग के बढ़ती हुई घटनाओं के प्रति चिंता व्यक्त की व इसके समाधान पर गम्भीरता से विचार विमर्श किया गया।
मुख्य सचिव ने सभी उपायुक्तों को निर्देश दिए कि वह अपने जिलें में फसल अवशेषों में लगने वाली आग की घटनाओं की रोकथाम के लिये आवश्यक कदम उठायें। उन्होंने उप कृषि निदेशकों को निर्देश दिये कि वह ग्राम स्तर पर गठित कैमेटी के द्वारा किसानों को फसल अवशेष न जलाने के लिये जागरूक करें व इससे होने वाले नुकसान के बारे मे अवगत करवायें। उन्होंने बताया कि हरसैक सैटैलाईट के द्वारा खण्ड स्तर पर गठित टीम के पास सुबह 3 बजे व शाम को 3 बजे मैसेज के द्वारा लग रही फसल अवशेषों में आगजनी की रियल टाईम लोकेशन की सूचना दी जा रही है जो भी किसान फसल अवशेष जलाता हुआ पाया जाता है तो उसके विरूद्घ एफआईआर दर्ज की जाए। उन्होंने सभी उप कृषि निदेशकों को किसान को जागरूक करने के लिये खण्ड स्तर पर प्रशिक्षण शिविर, दीवारों पर पोस्टर/फसल अवशेष न जलाने के नारे लिखवाने के निर्देश दिये।
उन्होंने उन ग्राम पंचायतों को निर्देश दिये जिन्हें पिछले साल फसल अवशेष प्रबन्धन कृषि यन्त्र नि:शुल्क उपलब्ध करवाये गये थे कि उन कृषि यन्त्रों को अपने गांव के छोटे किसानों को नि:शुल्क उपलब्ध करवायें व इनका पुरी तरह से उपयोग करवाना सुनिश्चित करें।
कृषि निदेशक ने अवगत करवाया कि किसानों के पास फसल अवशेष प्रबन्धन की उपलब्धता सुनिश्चित करने के लिये कस्टम हायरिंग केन्द्र स्थापित करने का लक्ष्य दुगुना करते हुऐ लगभग 1500 का लक्ष्य रखा गया है। उन्होंने निर्देश दिये कि सभी किसान व्यक्तिगत अथवा कस्टम हायरिंग केन्द्रों के पास पहले से उपलब्ध कृषि यन्त्रों का भरपूर प्रयोग करें। उन्होंने जिला स्तर के सभी कृषि अधिकारियों को निर्देश दिये कि जिन किसानों ने व्यक्तिगत श्रेणी में या कस्टम हायरिंग केन्द्र की स्थापना हेतू आवेदन किया था ऐसे किसानों को यदि कृषि यन्त्रों की उपलब्धता में कोई कठिनाई आ रही हैं तो उन कृषि यन्त्रों की पूर्ति दुरूस्त करवाई जाये। उन्होंने किसानों का आह्वान किया कि किसान जल्द से जल्द अपने कृषि यन्त्र खरीद के बिल पोर्टल पर अपलोड करवायें। उन्होंने बिल खरीद की अन्तिम तिथि 12 अक्तूबर 2020 तक बढ़ानें के निर्देश दिये। सभी जिला विकास एवं पंचायत अधिकारियों को निर्देश दिये कि स्ट्रा बेलर द्वारा बनाई गई पराली की गांठों को जमा करने के लिये पंचायतों के माध्यम सेे जमीन उपलब्ध करवाई जाऐं।
उन्होंने जिला उपायुक्तों को निर्देश दिये कि पराली के निपटान के लिये चीनी मीलों, पेपर मीलों इत्यादि से संपर्क करके इसकी एक रूप-रेखा तैयार करें, जिससे किसानों को फसल अवशेषों के प्रबन्धन में प्रेरित किया जा सके। इसके उपरान्त हरियाणा कृषि विश्वविद्यालय के कुलपति ने बताया है कि भारतीय कृषि अनुसंधान संस्थान के द्वारा पूसा डीकम्पोजर कैप्सूल बनाया गया है जोकि पराली को खाद बनाने के लिये मदद करेगा।
विडियों कोन्फ्रैसिंग के दौरान उपायुक्त मुकुल कुमार ने बताया कि जिला यमुनानगर में अभी तक लगभग 41 फसल अवशेषों में आगजनी की घटनायें सामने आई हैं। उन्होंने सभी जिले के विकास एवं पंचायत अधिकारी, जिला राजस्व अधिकारी, उप कृषि निदेशक व सहायक कृषि अभियन्ता को समन्वित रूप से फसल अवशेष प्रबन्धन हेतू किसानों को जागरूक करने के निर्देश दिये। साथ ही उन्होनें उप कृषि निदेशक को फसल अवशेष प्रबन्धन कृषि यन्त्रों के प्रदर्शन आयोजित करवाने के आदेश दिये।