लाल किले पर 1 दिसंबर को गीता मनीषि महामंडलेश्वर स्वामी ज्ञानानंद जी महाराज के नेतृत्व में होगा गीता प्रेरणा महोत्सव।

Swami Gyananand Ji

यमुनानगर। दिल्ली के ऐतिहासिक लाल किले से गीता की अमर वाणी विश्वभर में गुंजायमान होकर स्वच्छ, स्वस्थ भारत, समरस भारत और नशामुक्त भारत का संदेश देगी। जियो गीता परिवार द्वारा आयोजित गीता प्रेरणा महोत्सव 2019 में विश्वभर की जानी-मानी हस्तियां इस गौरवमयी ऐतिहासिक समारोह में शिरकत करेंगी। राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के सरसंघचालाक डॉ. मोहन भागवत बतौर मुख्यातिथि समारोह के गवाह बनेंगे और अपना संदेश देंगे। हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहरलाल खट्टर, लोकसभा अध्यक्ष ओम बिड़ला समेत कई केंद्रीय मंत्रियों की गरिमामयी उपस्थिति रहेगी। सभी राज्यों के मुख्यमंत्री, राज्यपाल, लोकसभा एवं राज्यसभा सांसद को भी समारोह का निमंत्रण भेजा जाएगा। विभिन्न देशों के राजदूत और प्रबुद्धजन भी इस दिव्य समारोह के साक्षी बनेंगे। दिल्ली के लाल किला मैदान में 1 दिसंबर को गीतामनीषि महामंडलेश्वर स्वामी ज्ञानानंद जी के नेतृत्व में होने वाले इस समारोह की तैयारियों को अंतिम रूप दे दिया गया है।
यह जानकारी देते हुए गीतामनीषि महामंडलेश्वर स्वामी ज्ञानानंद जी ने बताया कि गीता की अनमोल वैश्विक प्रेरणा केवल गीता शास्त्र के पन्नों या पूजा-पाठ, मठ-मंदिर या आश्रम तक ही सीमित न रह जाएं, इसलिए ये महोत्सव आयोजित किया जा रहा है। सिर्फ मरणासन्न व्यक्ति को गीता सुनाने तक काम नहीं चलेगा, जबतक विश्वभर में हर क्षेत्र, प्रत्येक वर्ग, प्रत्येक व्यावसाय के लोग ऐसा जानने और मानने न लगें की गीता हमारे लिए व्यावहारिक, प्रासंगिक और अत्यंत मांगलिक प्रेरणा है। इस कार्यक्रम का मुख्य उद्देश्य विश्व बंधुत्व-वसुधैव कुटुंबकम की भारतीय गरिमा को समूचे विश्व में पहचान दिलाना है।
इस अवसर पर 18 वर्ष से अधिक आयु वर्ग के 18 हजार युवक-युवतियां, देशभर से 1800 अर्चक, धर्म स्थानों के सेवाधिकारी, पुजारी, कर्मकांडी अथवा प्रबुद्ध शिक्षित आचार्य विप्रजनों की उपस्थिति रहेगी। 18 प्रांतों का प्रतिनिधित्व करते हुए एलोपैथी, होम्योपैथी, आयुर्वेद तथा अन्य चिकित्सा पद्धतियों के 1800 डिग्रीयुक्त चिकित्सक, न्याय क्षेत्र से जुड़े 1800 प्रबुद्धजन, 1800 शिक्षाविद, धार्मिक-सामाजिक संस्थाओं के 1800 प्रतिनिधि, ग्रामीण क्षेत्रों से 1800 जन प्रतिनिधि, सेवानिवृत्त, सेवारत सैन्य, सुरक्षा, प्रशासकीय व्यवस्थाओं से जुड़ेे 1800 प्रतिनिधि व जियो गीता से जुड़ेे करीब 9000 से अधिक परिवार, कई देशों के राजदूत, उच्चायुक्त, संस्था प्रतिनिधि एवं गीता प्रेमी उपस्थित रहेंगे। कुलपति, उपकुलपति, रजिस्ट्रार, शैक्षणिक संस्थानों के स्वामी, प्रोफेसर, लेक्चरर, प्रिंसिपल, मुख्याध्यापक, अध्यापक और आचार्य विशेष रूप से मौजूद रहेंगे।
18 की संख्या का विशेष महत्व : गीता के 18 अध्याय हैं। महाभारत के युद्ध में 18 अक्षोहिणी सेना थी। युद्ध में सत्य विजय का शंखनाद भी 18 दिन पश्चात हुआ था। इसी दृष्टि से 18 का विशेष महत्व है।

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