यमुनानगर। उपायुक्त मुकुल कुमार की अध्यक्षता में नोवल कोरोना वायरस को लेकर मीटिंग का आयोजन किया गया। बैठक में सिविल सर्जन डॉ. विजय दहिया, जगाधरी के उप-मण्डल अधिकारी (नागरिक) दर्शन कुमार, नॉडल अधिकारी श्रीमति हरप्रीत तथा उप-सिविल सर्जन डॉ. वागीश गुटैन उपस्थित रहे। जिला यमुनानगर में कोरोना से बचाव व रोकथाम के लिए पुख्ता प्रबंध करना बैठक का मुख्य उद्देश्य था। उपायुक्त ने सक्रिय कोरोना के मरीजों के बारे में तथा अब तक की सैम्पलिंग व सभी की रिपोर्ट के बारे में जानकारी ली।
उपायुक्त मुकुल कुमार ने बताया कि जिला यमुनानगर में फिलहाल चार कोरोना के सक्रिय मरीज हैं तथा चार की रिपोर्ट पुन: जॉंच पर नैगेटिव आने के उपरान्त उन्हें कोरोना अस्पताल से छुट्टी कर घर भेज दिया गया है तथा घर पर ही कोरन्टाईन किया गया है। उन्होने बताया कि कोरोना के चलते जिला यमुनानगर के सभी सरकारी व निजी अस्पताल जनसेवा में लगे हैं तथा कोरोना के खिलाफ जंग में प्रशासन का पूर्ण सहयोग कर रहे हैं। उन्होंने बताया कि जिले में कोरोना के मरीजों की देखभाल के लिये भी विभिन्न अस्पतालों को अलग-अलग श्रेणी के अनुसार कार्य करने के लिये चिन्हित किया गया है।
उन्होने बताया की अस्पतालों को तीन श्रेणीयों में बॉंटा गया है, जिसमें समर्पित कोरोना अस्पताल, समर्पित कोरोना स्वास्थ्य केन्द्र तथा समर्पित कोरोना देखभाल केन्द्र हैं, जिनमें स्वास्थ्य अनुसार कोरोना के मरीजों का उपचार व देखभाल की जायेगी। उन्होने यह भी बताया कि जिला यमुनानगर में अभी सात कन्टेनमैन्ट जोन हैं, जहॉं से कोरोना संक्रमित मरीज पाये गये थे। अब इनमें से दो कन्टेनमैन्ट जोन ममीदी तथा शादीपुर अपना कोरन्टाईन का समय पूरा कर चुके हैं तथा वहॉं के सभी सै पल नेगेटीव आने के कारण इन्हें कन्टेनमैन्ट जोन से हटा दिया जायेगा तथा अब यमुनानगर में पॉंच कन्टेनमैन्ट जोन रह जायेगे।
इस अवसर पर सिविल सर्जन डॉ. विजय दहिया ने जानकारी देते हुये बताया कि प्रशासन व स्वास्थ्य विभाग यमुनानगर अपने जिले को कोरोना से बचाने का हर सम्भव प्रयास कर रहा है तथा इसी के चलते जिले के विभिन्न स्वास्थ्य संस्थानों को श्रेणीबद्ध कर कोरोना के मरीजों का उपचार किया जा रहा है। उन्होने बताया कि जिला यमुनानगर में पहले से एक समर्पित कोरोना अस्पताल ई.एस.आई. अस्पताल को बनाया गया तथा अब गाबा अस्पताल तथा संतोष अस्पताल को भी समर्पित कोरोना अस्पताल बना दिया गया है, जहां कोरोना संक्रमित तथा कोरोना संदिग्ध मरीजों को रखा जायेगा तथा जांच व ओ.पी.डी. की सुििवधा भी उपलब्ध है। इसके साथ ही जिला यमुनानगर के 6 सरकारी व निजी अस्पतालों को समर्पित कोरोना स्वास्थ्य केन्द्र बनाया गया हैं, जिनमें लगभग 88 बैडों का प्रबंध किया गया है, इन स्वास्थ्य संस्थानों पर कोरोना संक्रमित तथा संदिग्ध मरीजों को रखकर उनका उपचार किया जायेगा। इनके अलावा 39 समर्पित कोरोना देखभाल केन्द्र्र बनाये गये हैं, जिनमें 1200 बैडों का प्रबंध किया गया है। इन सभी कोरोना देखभाल केन्द्रों पर केवल कोरोना संदिग्ध मरीजों को रखा जायेगा तथा सभी मरीजों की जॉंच व उपचार किया जायेगा। डॉ. दहिया ने जानकारी देते हुये बताया कि यह व्यवस्था भविष्य के खतरे को ध्यान में रखते हुये की जा रही है, परन्तु हम सभी के सहयोग से इस महामारी को फैलने से रोका जा सकता है।
डॉ. दहिया ने बताया कि आशा कार्यकर्ताओं के माध्यम से स्वास्थ्य विभाग द्वारा जिला यमुनानगर के सभी क्षेत्रों में घर-घर जा कर स्वास्थ्य निरिक्षण कराया गया है, जिसमें आशाओं द्वारा लगभग 2,06,060 घरों का दो बार निरिक्षण किया गया। इसके साथ ही स्वास्थ्य विभाग की 18 मोबाईल टीमों द्वारा 30 दिनों में शहरी व ग्रामीण क्षेत्रों में आई.एल.आई. (ईन्फलूईन्जा लाईक ईलनैस) तथा एस.ए.आर.आई. (सिविर्य एक्यूट रेस्पीरेटरी ईलनैस) की जॉंच की तथा सामान्य बीमारियों की भी जॉच कर जिले में स्वास्थ्य सेवाऐं प्रदान की, जिससे जिले में सुचारू रूप से स्वास्थ्य सेवाओं का संचार होता रहे। डॉ. दहिया ने बताया कि इन मोबाईल टीमों द्वारा जिले में 470 कै प लगाये गये, जिनमें 1,01,967 व्यक्तियों कि जॉंच कि गई है। जिनमें से 38,508 व्यक्तियों को कैंंप में ही उपचार के लिये दवाईयॉं दी गई, 268 व्यक्तियों को आई.एल.आई. (ईन्फलूईन्जा लाईक ईलनैस) तथा एस.ए.आर.आई. (सिविर्य एक्यूट रेस्पीरेटरी ईलनैस) के चलते कोरोना संदिग्ध मानकर उनके सै पल लिये गये, जिनमें से अधिकतर की रिपोर्ट नेगेटिव आई है।
उपायुक्त यमुनानगर तथा सिविल सर्जन यमुनानगर ने सभी जिला वासियों से अपील की है कि जैसे कि सरकार द्वारा लोकडॉउन को काफी हद तक खोल दिया है, तो इसके चलते हमें सभी सावधानियों का पालन करना आवश्यक है, जिससे कि यह महामारी हमारे घर तक ना आये। उन्होने सभी को सलाह दी है कि बाहर समाजिक दूरी बनाये रहें, समय-समय पर हाथ धोते रहें तथा हाथ ना धो पाने की स्थिती में हैन्ड सैनेटाईजर का प्रयोग करें। मास्क का प्रयोग बाहर व घर पर भी करें तथा गन्दे हाथों से ऑंख-नाक मुॅह को छूने से बचें।