सोम नदी में आया उफान, 8000 क़यूसेक पानी आने से तबटबंध टूटने का खतरा बना

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अवैध खनन के चलते पानी का रुख खेतों व पुल की ओर
यमुनानगर (बिलासपुर) । पहाड़ो पर हुई बारिश से सोम नदी में उफान आ गया। अधिकारियारें के मुताबिक सोम मदी में करीब 8 हजार क्‍यूसेक पानी आया है। उध्‍र, घाड क्षेत्र में हुई बारिश से खेत पानी से लबालब हो गए है। वही] सोम नदी के किनारे बसे गांवों में रहने वाले लोगों को नदी के उफान से किनारे पर बना तटबंध टूट जाने का डर सताने लगा है। पानी केे तेज बहाव से तटबंध में कटाव शुरू हो गया है। अगर पहाड़ी क्षेत्रों में आज रात भी तेज बारिश होती है तटबंध के बहने का खतरा बन जाएगा। रणजीत पुर के समीप सोम नदी पर बने पुल के समीप से तटबंध के कटाव होने से आस पास के क्षेत्र के ग्रामीण सहम गए है। क्षेत्र के किसानों का कहना है कि हर वर्ष बरसात के दिनों में पहाडी क्षेत्रों में भारी बारिश होने से सोम नदी में अचानक पीछे से पानी की आवक बढऩे से उफान आ जाता है। इससे भमनौली, रणजीत पुर, सुल्तान पुर ,बिहटा, संधाऐ सहित दर्जनों गांवों के खेतों में पानी आ जाता है। जिस कारण सैकडों एकड फसल जल मग्न हो तबाह हेा जाती है। मानसून आने से पूर्व ही किसानों को अपने धान , गन्ना व चारे की चिंता सताने लगती है। ग्रामीणों ने बताया कि पहली बरसात में ही घाड क्षेत्र में स्थित सोम नदी में उफान आने से रणजीत पुर बस स्टैड पर बने पुल के समीप से कटाव होना शुरू हो गया है। जिसकी चिंता किसानों के चेहरे के साफ देखी जा सकती है। ग्रामीणों का कहना है सोम नदी में अवैध खनन के कारण पानी ने अपना रास्ता खेतों व पुल की ओर बना लिया है। घाड क्षेत्र के भट्टूवाला ,रणजीत पुर , चिंत पुर, बनकट, काटरवाली, मलिक पुर बांगर, संधाऐ, मुजाफ्त, राम पुर, माजरा में भी बाढ१ का खतरा उत्पन्न हो गया है। प्रशास न की ओर से बाढ से निपटने के लिए रिंग बांध व तटबंधों का निर्माण तो करवा दिया गया लेकिन ये प्रशास अधिक कारगर दिख नही रहे है। घाड क्षेत्र के किसान साहब ंिसह, इरफान, दलीप कुमार, सुनील कुमार, महक नेहरा का कहना  है कि जब तक सरकार व प्रशासन कोई स्थाई हल नही निकालते तब तक सोम नदी हर वर्ष उनकी फसलों को अपनी चपेट में लेकर तबाही मचाती रहेगी।
ग्रामीण अनेक बार अवैध खनन का कर चुके हैं विरोध
घाड क्षेत्र में सोम नदी में नियमों को ताक पर रख कर हो अवैध खनन पर रोक लगाने के लिए अनेक बार ग्रामीणों ने प्रशासनिक अधिकारियों व नेताओं के दरवाजे पर दस्तक दी लेकिन किसी ने भी ने उनकी समस्या को गंभीरता से नही लिया। हर जगह से केवल एक ही जवाब मिलता की जल्द ही कारवाई अमल में लाई जाएगी। क्षेत्र के लोगों का कहना है कि प्रत्येक वर्ष मानसून सीजन से पूर्व ग्रामीण सोम नदी केेउफान के भय से निपटने के लिए विभाग के अधिकारियों से मिलते है लेकिन आज तक उनकी समस्या का स्थाई समाधान नही किया गया है।
सोम नदी में खनन के बारे अनेक बार चेताया 
सोम नदी के आस पास श्यामलात भूमि व सोम नदी में बैखौफ दिन रात किए गए अवैध खनन से दस से पंद्रह फीट गहरे गड्डे बना दिए गए । जिसके कारण सोम नदी में अचानक आए उफान से पानी का रूख बदल कर तटबंध की ओर हो गया ओर तटबंध को नुकसान पहुंचाने लगा।
एसडीएम सहित अन्य प्रशासनिक अधिकारी पहुंचे मौके पर 
सोम नदी में अचानक आए उफान की खबर लगते ही एसडीएम बिलासपुर नवीन आहुजा, तहसलीदार तरूण सहोता, पटवानी संजय  सहित सभी प्रशासिनक अधिकारियों ने मौके का जायजा लिया। एसडीएम आहुजा ने बताया कि नदी में पानी का बहाव बहुत अधिक होने से तटबंध का कटाव हुआ है  लगभग ८ हजार क्यूसिक पानी अचानक आने से ऐसी स्थिति बनी है। तुरंत सिचांई विभाग के एक्सईएन व एसडीओ को मौके पर बुला कर स्थिति से अवगत करवाया दिया गया है। शाम तक तटबंध को दुरूस्त करवा दिया जाएगा।
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