यमुनानगर हलचल। भगवान परशुराम समुदायिक केंद्र गोविंदपुरी में चल रही श्रीमद्भागवत कथा के दौरान कथा व्यास वृंंदावन से आए स्वामी इंंद्रेश जी महाराज ने कहा कि कोई भी कथा मनुष्य के विचारो ́को सकारात्मक कर सकती है, उसके पापोंं को कम कर सकती है ́लेकिन उसके पाप करने की प्रवृत्ति को खत्म नही ́कर सकती।
श्रीमद् भागवत कथा सुनने मात्र से पाप करने की प्रवृत्ति खत्म हो जाती है और मनुष्य के विचार सकारात्मक हो जाते है ́। स्वामी इंंद्रेश जी महाराज ने कहा कि श्रीमद्भागवत पुराण ही साक्षात भगवान श्रीकृष्ण है। जिस समय भगवान श्री कृष्ण ने इस देश को छोड़ा तो उस समय वे एक ज्योति स्वरूप के रूप मे ́भागवत महापुराण में समा गए और भागवत महापुराण ही साक्षात भगवान श्रीकृष्ण हो गए।
इस महान ग्रंंथ मे ́भगवान श्री कृष्ण की सभी लीलाओ ́ का विस्तार से वर्णन किया गया है जिसकी चर्चा भागवत कथा के दौरान अलग-अलग दिनोंं ́मे ́की जाएगी। कथा मे ́ भगवान श्री कृष्ण के जन्म के बारे मे ́ बात करते हुए कथा व्यास ने कहा कि भगवान श्री कृष्ण का जन्म धर्म की स्थापना के लिए हुआ था। जब भी अधर्म बढ़ने लगता है तब तो भगवान किसी ना किसी रूप मेंं अवतार लेते है ́।
कथा व्यास ने कहा कि जब कंंस का अत्याचार बढ ̧ गया था तब भगवान को विपरीत परिस्थितियाेंं मेंं भी अवतार लेना पड़ा और कंंस के अत्याचार को खत्म कर उसका वध किया और धर्म की स्थापना की। भगवान श्री कृष्ण ने बाल्यकाल मेंं ही ऐसी लीलाए ́ कर दी जिन्हें देखकर यह प्रमाणित होता था कि यह कोई आम बालक नही ́ बल्कि साक्षात परम ब्रह्म है।
इस अवसर पर विद्या रानी, पूनम, सुमन, स ́तोष, कौशल्या, सुनीता, रे१ा, करुणा, नीरज, कुसुम, अनिल, अक्षय वर्मा, राकेश त्यागी, राकेश, मनोज, परीक्षित त्यागी, अजय त्यागी, पंंडित श्याम लाल, नरेश कुमार, सुरेश, राहुल कोहली, अनुज धीमान आदि मुय रूप से उपस्थित थे।