यमुनानगर हलचल। रादौर/बिजली निगम कार्यालय रादौर में उस समय माहौल गर्मा गया जब ऑल हरियाणा पॉवर कार्पोरेशन वर्कर यूनियन से जुडे पदाधिकारी एक कर्मचारी से एसडीओ द्वारा किए गए अभद्र व्यवहार के मामले में बातचीत करने पहुंचे थे।
आरोप है कि एसडीओ ने यूनियन के पदाधिकारियो के साथ भी उसी प्रकार अभद्र व्यवहार किया जिस प्रकार उन्होंने पहले कर्मचारी के साथ किया था। जिसके बाद गुस्साएं पदाधिकारियो ने एसडीओ के खिलाफ नारेबाजी कर रोष प्रदर्शन किया और विभाग के उच्चाधिकारियो से एसडीओ के खिलाफ कार्रवाई किए जाने की मांग की। मामला बढ़ता देख रादौर पुलिस को सूचना दी गई। सूचना पाकर पुलिस कर्मचारी भी मौके पर पहुंचे और दोनो पक्षो से अलग अलग बातचीत कर समझाया।
ऑल हरियाणा पॉवर कार्पोरेशन वर्कर यूनियन के सर्कल सचिव विक्रम सिंह, यूनिट प्रधान अनिल कुमार, सचिन पवन हांडा, नंदपाल इत्यादि ने बताया कि रादौर में फौरमैन के पद पर कार्यरत कर्मचारी रामस्वरूप लंबे समय से विभाग में ईमानदारी से कार्य कर रहे है। बीते दिनो वह अपनी छुट्टी को लेकर एसडीओ से मिलने गए थे। लेकिन इस दौरान एसडीओ ने उसके साथ अभद्र व्यवहार किया यहां तक कि उन्हें जातिसूचक शब्द भी कहे।
जब उसने उनका विरोध किया तो एसडीओ ने अपनी गलती छुपाने के लिए रामस्वरूप के खिलाफ ही एक लैटर एक्सईएन के पास भेज दिया। इसी मामले को लेकर यूनियन के पदाधिकारी आज एसडीओ शमशेरसिंह से बातचीत करने के लिए निगम के कार्यालय पहुंचे थे। लेकिन एसडीओ का रवैया उनके प्रति भी वैसा ही रहा जैसा कि रवैया उन्होंने कर्मचारी रामस्वरूप के लिए अपनाया था। उन्होंने उन्हें समझाया भी कि आप जिस पद पर बैठे है वहां बैठकर आपको इस प्रकार का व्यवहार शोभा नहीं देता लेकिन फिर भी वह उनके साथ अभद्र व्यवहार करते रहे। उन्होंने कहा कि एसडीओ का व्यवहार निगम के कर्मचारियो के प्रति ठीक नहीं है। छोटी छोटी बातो पर कर्मचारियो को उनके खिलाफ कार्रवाई करने की धमकी दी जाती है। निगम के सभी कर्मचारी उनके इस व्यवहार से तंग आ चुके है। इसलिए विभाग के उच्चाधिकारियो को मामले की जांच करवाकर उनके खिलाफ कार्रवाई करनी चाहिए।
-शमशेर सिंह, एसडीओ बिजली निगम रादौर..
उन पर लगाए जा रहे आरोप निराधार है। न तो उन्होंने यूनियन के पदाधिकारियो से कोई अभद्र व्यवहार किया और न ही कर्मचारी के साथ। उन्होंने किसी पब्लिक कार्य के लिए भी रामस्वरूप फोरमैन को बोला था लेकिन उसने वह कार्य नहीं किया। कार्य करने के बजाए फोरमैन ने खुद उनसे अभद्र व्यवहार किया। जिस कारण ही उन्होंने उच्चाधिकारियो को लैटर लिखा था। कर्मचारी हर बार बिना बताए छुट्टी पर चला जाता है। जब वह उसे ऐसा करने से मना करते है तो वह उनके साथ अभद्र व्यवहार करता है।