Yamunanagar : सरदार वल्लभभाई पटेल जयंती

Lohpurush, Patel, Sardar Patel, Sardar Vallabh Bhai Patel Jayanti on 31 October, Yamunanagar Hulchul, #YamunanagarHulchul, National Unity Day,

Lohpurush, Patel, Sardar Patel, Sardar Vallabh Bhai Patel Jayanti on 31 October, Yamunanagar Hulchul, #YamunanagarHulchul, National Unity Day,

आज है सरदार वल्लभभाई पटेल जी की जयंती, जानें लौहपुरुष के बारे में खास बातें।

Yamunanagar Hulchul : सरदार वल्लभ भाई पटेल की जयंती 31 अक्टूबर अर्थात् उनके जन्म दिवस के अवसर पर विश्व एकता दिवस (National Unity Day) के रूप में मनाई जाती है। देश की आजादी में सरदार पटेल का योगदान हमेशा स्मरणीय रहेगा। 562 देशी रियासतों का भारत में विलय सरदार पटेल ने ही करवाया था।

• सरदार वल्लभ भाई पटेल का जन्म 31 अक्टूबर 1875 को गुजरात के नडियाद में हुआ। लंदन जाकर उन्होंने बैरिस्टर की पढ़ाई की और वापस आकर अहमदाबाद में वकालत करने लगे।
महात्मा गांधी के विचारों से प्रेरित होकर उन्होंने भारत के स्वतंत्रता आन्दोलन में भाग लिया।

• स्वतंत्रता आंदोलन में सरदार पटेल का पहला और बड़ा योगदान 1918 में खेड़ा संघर्ष में था। उन्होंने 1928 में हुए बारदोली सत्याग्रह में किसान आंदोलन का सफल नेतृत्त्व भी किया।

• लौहपुरुष सरदार वल्लभभाई पटेल भारत के पहले उपप्रधानमंत्री और गृहमंत्री थे।

• स्वतंत्रता प्राप्ति के बाद देशी रियासतों का एकीकरण कर अखंड भारत के निर्माण में उनके योगदान को भुलाया नहीं जा सकता है। उन्होंने 562 छोटी-बड़ी रियासतों का भारतीय संघ में विलीनीकरण करके भारतीय एकता का निर्माण किया।

• महात्मा गांधी ने सरदार पटेल को लौह पुरुष की उपाधि दी थी।

• गुजरात में नर्मदा के सरदार सरोवर बांध के सामने सरदार वल्लभभाई पटेल की 182 मीटर (597 फीट) ऊंची लौह प्रतिमा (स्टैचू ऑफ यूनिटी) का निर्माण किया गया। यह विश्व की सबसे ऊंची प्रतिमा है। इसे 31 अक्टूबर 2018 को देश को समर्पित किया गया। स्टेचू ऑफ लिबर्टी की ऊंचाई केवल 93 मीटर है।

• यह सरदार पटेल का ही विजन था कि भारतीय प्रशासनिक सेवाएं देश को एक रखने में अहम भूमिका निभाएगी। उन्होंने भारतीय प्रशासनिक सेवाओं को मजबूत बनाने पर कापी जोर दिया। उन्होंने सिविल सेवाओं को स्टील फ्रेम कहा था।

•  बारडोली सत्याग्रह आंदोलन के सफल होने के बाद वहां की महिलाओं ने वल्लभभाई पटेल को ‘सरदार’ की उपाधि प्रदान की थी।

• किसी भी देश का आधार उसकी एकता और अखंडता में निहित होता है और सरदार पटेल देश की एकता के सूत्रधार थे। इसी वजह से उनके जन्मदिन को राष्ट्रीय एकता दिवस के तौर पर मनाया जाता है।

• सरदार पटेल जी का निधन 15 दिसंबर, 1950 को मुंबई में हुआ था। सन 1991 में सरदार पटेल को मरणोपरान्त ‘भारत रत्न’ से सम्मानित किया गया था।

Bookmark Yamunanagar Hulchul website www.yamunanagarhulchul.com for Distt Updates
Previous articleमैरिज पैलेस संचालक परिसरों में कोविड-19 के बचाव की हिदायतों का पालन सुनिश्चित करें : सुशील कुमार 
Next article2 से 4 नवम्बर तक गंगा उत्सव का होगा वर्चुएल आयोजन