यमुनानगर (रादौर)। केन्द्र सरकार ने धान के समर्थन मूल्य में 200 रूपए की वृद्धि कर किसानों के साथ भद्दा मजाक किया है। सरकार स्वामी नाथन आयोग की रिपोर्ट को लागू कर किसानों को 2500 रूपए प्रति क्ंिवटल धान का मूल्य देना घोषित करें। औने पौने दाम देने से किसानों का शोषण हो रहा है। जिसके लिए केद्र की भाजपा सरकार जिम्मेवार है। यह शब्द सर्वजातिय सर्वखाप महिला महापंचायत की अध्यक्ष डॉ० संतोष दहिया ने गांव पालेवाला, करतारपुर व अलाहर में किसानों की बैठकों को संबोधित करते हुए कहे। उन्होंने कहा कि विडंबना यह है कि किसानों को सरकारी स्तर पर न्यूनतम समर्थन मूल्य नहीं मिल रहा है। किसान सपरिवार दिनरात मेहनत क र खेती करते है, लेकिन जब फसल तैयार होती है तो सरकारी स्तर पर खरीद की समुचित व्यवस्था न होने के कारण उन्हें खुले बाजार में औन पौने दाम मिलते है। सभी फसलों की शत प्रतिशत खरीद सुनिश्चित की जाए। गन्ने का बकाया भुगतान ब्याज सहित दिया जाए। सिर्फ समर्थन मूल्य की घोषणा करने से कुछ नहीं होता। किसानों को उनकी लागत के अनुसार मजदूरी नहीं मिल रही है। सीटू लागत में 50 प्रतिशत जोडकर फसलों का दाम मिलना चाहिए। इस अवसर पर डॉ० जरनैलसिंह पंजेटा, कमल चमरोडी, सुभाष सैनी, पदमसिंह, अंग्रेजङ्क्षसह, बनीसिंह, मांगेराम गुंदयानी, गजराजसिंह आदि उपस्थित थे।
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