यमुनानगर (खिजराबाद)। इलाके में हो रही बारिश से स्थानीय नदी नाले भी पूरे उफान पर बह रहे है। वीरवार को शहजादवाला और मेघूवाला के बीच बन रहे पुल की निर्माण सामग्री पानी में बह गई। बनियांवाला में सिंचाई विभाग द्वारा बनाए गए स्टड किसानों के किसी काम के नही रहे और नदियों में आए पानी के उफान ने किसानों की फसलें भी बर्बाद कर दी है।
शहजादवाला के सरपंच प्रतिनिधि विजयपाल ने बताया कि चिक्कन नदी और खिल्लांवाला नदी में आए उफान से उनके गांव का जिला मुख्यालय से संपर्क पूरी तरह कट गया है। उन्होने बताया कि उनके गांव में जाने के लिए तीन रास्ते हैं और तीनों ही रास्ते पानी ने समाप्त कर दिए है। विजयपाल ने बताया कि मेघूवाला से जाने वाले रास्ते पर चिक्कन वाली नदी में से आए पानी ने गहरे गढढे कर दिए हैं जिससे वहां से बाईक भी नही गुजर सकती। मेघूवाला के रास्ते पर से हो रहे पुल के निर्माण की सामग्री भी पानी में बह गई और ग्रामीणों के आने जाने का रास्त भी क्षतिग्रस्त हो गया। कुछ दिन पहले इसी रास्ते पर नदी में अचानक पानी आ जाने से एक बाईक सवार पानी में बह गया था, जिससे उसकी मौत हो गई थी। बिरमपाल ने बताया कि माणकपुर से आने वाले रास्ते पर भी पानी ने सडक का सारा मैटिरियल बाहर निकाल दिया है और बिजली के खंबे आदि भी टूट गए हैं। केवल यही एक रास्ता बचा है जिससे थोडा बहुत निकला जा सकता है। ग्रामीण अब इसी रास्ते का प्रयोग कर रहे हैं और यह रास्ता कई गुना ज्यादा दूर पडता है। ग्रामीणों का कहना है कि मार्किटिंग बोर्ड द्वारा शहजादवाला और मेघूवाला को जोडने के लिए पुल का निर्माण करवाया जा रहा है,लेकिन पानी के तेज बहाव की वजह से निर्माण सामग्री पानी में बह गई। बनियांवाला के सरपंच अंकित गुप्ता,नंबरदार सुलेख चंद का कहना है कि सिंचाई विभाग द्वारा उनके गांव में नदी के किनारे पत्थर के स्टड लगाए हैं लेकिन वह किसी काम के नही बल्कि विभाग द्वारा सरकार के पैसे का दूरूपयोग किया गया है ा उनका कहना है सिंचाई विभाग द्वारा जहां पर पत्थर आदि का काम करना चाहिए था वहां पर किया नही और जिस जगह पर विभाग द्वारा सरकार का पैसा लगया गया है वहां पर पैसा खर्च किया गया जिसका कोई फायदा नही है। सरपंच का कहना है कि चिक्कन वाली नदी में आए उफान ने किसानों की फसलें बर्बाद कर दी हैं।
उधर, यमुना में आए उफान से लाक्कड और कन्यावाला गांव के लोगों की नींद उडी हुई है। ग्रामीण पहल सिंह,बिरम,संजीव,राहुल आदि का कहना है कि सरकार द्वारा दो साल से बेलगढ पटडी के पास बसे लगभग एक दर्जन गांवों के लिए किसी भी तरह का बाढ राहत कार्य नही करवाया गया है जिससे गांव वालों को पानी का जलस्तर बढने से अपने पुराने दिनों की याद आने लग जाती है।
ग्रामीणों का कहना है कि सरकार को चाहिए कि बेलगढ और यमुना किनारे बसे गांवों के लोगों की भी सुध ले। ग्रामीणों का कहना है कि पहले यमुना में पानी का बहाव यूपी की ओर से था लेकिन हरियाणा में दिन रात हो रहे अवैद्य खनन की वजह से यमुना में हरियाणा की ओर गहरे गढढे होने से पानी का बहाव भी बेलगढ क्षेत्र में हरियाणा की ओर हो गया है।
क्या कहते हैं अधिकारी
मर्किटिंग बोर्ड के एक्सईएन अतुल गर्ग का कहना है कि शहजादवाला में बन रहे पुल की सामग्री बह जाने की उनका सूचना मिली जिससे वे मौके पर गए ा उनका कहना है कि ग्रामीणों के लिए जल्दी ही वहां से रास्ता बना दिया जाएगा और पुल निर्माण का कार्य भी जारी रहेगा।