नगरपालिका गठन की अधिसूचना जारी होते ही साढौरा में जश्न का माहौल, पहले लगातार 121 सालों तक साढौरा में रह चुकी है नगरपालिका

1879 में एक साथ हुआ था साढौरा और लाहौर की नगरपालिका का गठन
यमुनानगर (साढौरा)। प्रदेश सरकार के शहरी स्थानीय निकाय विभाग द्वारा कस्बे की पंचायत की जगह नगरपालिका गठित किए जाने बारे अधिसूचना की खबर मिलते ही समर्थकों ने जमकर खुशी मनाई। नगरपालिका समर्थकों ने इसके लिए मुख्यमंत्री मनोहर लाल का आभार प्रकट किया। नगरपालिका की अधिसूचना जारी होने की खबर मिलते ही समर्थक नगरपालिका कार्यालय के पास एकत्रित होना शुरू हो गए। मनोज कालड़ा, सचदेव चुघ, सूरज ओबराए व कुलविन्द्र सिंह चड्ढा ने कहा कि मुख्यमंत्री के प्रयासों से नगरपालिका गठित होने से कस्बे की समस्याएं खत्म होने के अलावा पूर्ण विकास संभव होगा। इसके लिए कस्बावासी मुख्यमंत्री के आभारी हैं। इस मौके पर अमित सेतिया, पंकज चुघ, राजन अरोड़ा, पंकज जैन, सचिन सिंगला, ओपी कालडा, अवध बिहारी, रामगोपाल सेतिया, गगन गर्ग व राहुल देव मोनू उपस्थित थे।पंचायत का कार्यकाल समाप्त होने से पहले शुरू हो गई थी नगर पालिका की सुगबुगाहट
जुलाई में वर्तमान पंचायत का कार्यकाल खत्म होने से छह माह पहले ही इसकी जगह नगरपालिका गठित किए जाने की चर्चा शुरू हो गई थी। नगरपालिका के पक्षधर चाहते थे कि कस्बे के आधुनिक तर्ज पर विकास के लिए यहां नगरपालिका गठित किया जाना बहुत जरुरी है। नगरपालिका पक्षधरों ने इस बारे सीएम मनोहर लाल से मांग की थी। उनकी हामी के बाद नगरपालिका गठित होने की उम्मीद बन गई थी। इसी दौरान पंचायत कायम रखने के पक्षधरों ने बकायदा नगर पंचायत संघर्ष कमेटी का गठन करके पंचयत कायम रखने के लिए बैठकों का दौर शुरू कर दिया। पंचायत पक्षधरों ने अधिकारियों से लेकर राजनेताओं तक को पंचायत के पक्ष में ज्ञापन देने के अलावा प्रदर्शन भी किए। लेकिन आखिरकार एक बार फिर से नगरपालिका गठित किए जाने की अधिसूचना जारी हो ही गई है। नगर पंचायत संघर्ष कमेटी के प्रधान अशोक मेहता ने कहा कि उनके द्वारा नगरपालिका गठित होने का विरोध जारी रहेगा। वह सरकार के पास पंचायत पक्षधरों की आपत्तियां दर्ज करवाएंगें। इसके बाद अगली रणनीति पर विचार होगा।
नगर पालिका में किसी गांव को शामिल नहीं किया
प्रदेश सरकार द्वारा जारी अधिसूचना में नगरपालिका का गठन करते हुए इसमें केवल कस्बे के हदबस्त नंबर 155 के क्षेत्र को शामिल किया गया है। इससे पूर्व भी नगरपालिका के कार्यकाल में यही सीमा थी। लेकिन इस बार चर्चा थी कि सरकार आसपास के गांव नौशहरा, शामपुर, कनीपला, पांडों, सैदूपुर व टिब्बड़ी में से कुछ गांवों को नगरपालिका में शामिल कर सकती है। लेकिन किसी अदालती विवाद या ग्रामीणों की नाराजगी से बचने के लिए सरकार ने इससे परहेज किया।
रिपोर्ट : कुलदीप हर्ष
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