हरियाणा हलचल। बिजली के नए-नए उपकरणों के अस्तित्व में आने के कारण बिजली की मांग तेजी से बढ़ रही है। लेकिन बिजली बनाने के परम्परागत स्त्रोत उसी तेजी से घटते जा रहे है। ऐसे समय में ऊर्जा सरंक्षण और सौरऊर्जा का अधिक प्रयोग ही एक मात्र उपाय है। इसी के दृष्टिगत बिजली की खपत कम करने वाले सरकारी, गैर-सरकारी व औद्योगिक और व्यवसायिक संस्थानों के लिए सरकार ने दो लाख रूपए तक का ऊर्जा संरक्षण पुरस्कार देने की योजना लागू की है। लोगों को इस योजना का लाभ उठाना चाहिए।
पानीपत के उपायुक्त धर्मेंद्र सिंह ने यह जानकारी देते हुए बताया कि इस योजना के तहत ऐसे संस्थान जिनमें एक मैगावाट से अधिक का अधिभार हो-को इस योजना में शामिल किया जाएगा। इस अवसर पर अतिरिक्त उपायुक्त डॉ. मनोज कुमार आईएएस ने बताया कि ऊर्जा संरक्षण को बढ़ावा देने के लिए बड़े औद्योगिक व व्यवसायिक संस्थानों जिनमें एक मेगावाट से अधिक लोड के उपभोक्ता को पुरस्कार राशी के तौर पर माननीय मुख्यमंत्री हरियाणा सरकार द्वारा सर्टिफिकेट एवं शील्ड देकर सम्मानित किया जाएगा। पंजीकृत एमएसएमई औद्योगिक संस्थान जिनका कनेक्टेड लोड 100 किलोवाट से 1 मेगावाट तक है, ऐसे उपभोक्ताओं को पुरस्कार राशि के रूप में 2 लाख रूपए तक का ईनाम दिया जाएगा।
उन्होंने बताया कि इसी तरह सरकारी भवन व कार्यालय जिनका कनेक्टिंग लोड 30 किलोवाट से 500 किलोवाट तक है उनको 1 लाख रूपए तक की पुरस्कार राशि दी जाएगी। इसके अलावा किसी व्यक्ति विशेष द्वारा ऊर्जा संरखण क्षेत्र में कोई नया अनुसंधान एवं विकास का उल्लेखनीय कार्य किया हो तो उसे भी 2 लाख रूपये तक की पुरस्कार राशि दी जाएगी।
अतिरिक्त उपायुक्त एवं मुख्य परियोजना अधिकारी डॉ. मनोज कुमार ने बताया कि जो कोई भी व्यक्ति, संस्थान या औद्योगिक इकाई इस कार्यक्रम में भाग लेना चाहते है, वह सभी अपने नामांकन भरकर अतिरिक्त उपायुक्त कार्यालय पानीपत के कार्यालय में कमरा नं0 219 में दिनांक 05.12.2020 तक आवेदन कर सकते है। अधिक जानकारी के लिए विभाग की वेबसाइट (डब्ल्यू डब्ल्यू डब्ल्यू डॉट एचएआरईडीए डॉट जीओवी डॉट इन) पर या किसी भी कार्य दिवस में अतिरिक्त उपायुक्त कार्यालय में संपर्क कर सकते है।