मोक ड्रिल के अवसर पर उपायुक्त गिरीश अरोड़ा ने बताया कि बाढ़ की स्थिति को देखते हुए एसडीआरएफ के अधिकारियों एवं कर्मचारियों की पूरी टीम मानसून के मौसम में जिला में ही तैनात रहेगी ताकि बाढ़ के समय जरूरत पडऩे पर इनकी मदद ली जा सके। उन्होंने बताया कि जिला प्रशासन के साथ-साथ समाजसेवी संस्थाए भी मिलकर राज्य आपदा राहत बल (एसडीआरएफ) की टीम का पूरा सहयोग करेगी। बाढ़ की स्थिति उत्पन्न होने पर इस दिशा में प्रशासन द्वारा ऐतियात के तौर पर किए जाने वाले कार्यों बारे उपायुक्त कार्यालय में बाढ़ नियंत्रण कक्ष बनाया गया है जिसका टेलीफोन नम्बर 01732-237800-237801 है। जिसमें तमाम गतिविधियों पर नजर रखने के लिए प्रतिदिन कर्मचारी तैनात रहेगे और बाढ़ से संबंधित जानकारी देंगे। इन बचाव टीमों में रैडक्रास सोसायटी, स्वास्थ्य विभाग, पशुपालन विभाग, पुलिस विभाग की टीम, होमगार्ड टीम, आर्मी ऑबर्जवर सहित जिला प्रशासन द्वारा गठित की गई पूरी टीम शामिल रही। अपने विभाग से संबंधित उत्पन्न हुई स्थिति अनुसार वहां पर बचाव कार्यों को करने का प्रदर्शन किया गया। मॉक ड्रिल के दौरान लोगों को अवगत करवाते हुए यह भी बताया गया कि प्राकृतिक आपदा उत्पन्न होने पर वह घबराएं नहीं बल्कि प्रशासन के साथ समन्वय बनाते हुए बचाव कार्यों में अपना सहयोग दें ताकि ऐसी स्थिति पर काबू पाया जा सके। उपायुक्त गिरीश अरोड़ा ने बताया कि प्रदेश में बाढ़ जैसी स्थिति से निपटने के लिए समय समय पर मेगा मॉक ड्रिल का आयोजन करवाया जाता है। यमुनानगर में यह मॉक ड्रिल करवाकर लोगों को जागरूक करने का काम किया गया है।
इस अवसर पर अतिरिक्त उपायुक्त के.के.भादू, जगाधरी के एसडीएम भारत भूषण कौशिक, रादौर की एसडीएम डा. पूजा भारती, बिलासपुर के एसडीएम नवीन आहूजा, जिला राजस्व अधिकारी हरिओम बिश्रोई, पुलिस उप अधीक्षक देसराज, आर्मी से मेजर सुमित ठुकराल व कैप्टन दीपांशु, सभी खंडों के बीडीपीओज, तहसीलदार, नायब तहसीलदार, एसडीआरएफ के सहायक उप निरीक्षक संजीव, जिला सूचना एवं जन सम्पर्क अधिकारी स्वर्ण सिंह जंजोटर सहित अन्य विभागों के अधिकारीगण व कर्मचारी भी उपस्थित थे।