रादौर। 1972 में बनाई गई गुमथला अनाजमंडी का शैड टूटकर खस्ता हालत में पहुंच गया है। मंडी का शैड बनवाने के लिए आढती कई बार मार्कीट कमेटी के अधिकारियों से भी मिले। लेकिन फिर भी उनकी मांग को विभाग की ओर से पुरा नहीं किया गया। इसके अलावा मंडी में सुविधाओं का अभाव है। मार्कीट कमेटी के अधिकारी आढतियों व किसानों की मांगों को लेकर गंभीर नहीं है। यहां तक की मंडी में सुविधाओं को लेकर आढती विधायक श्यामसिंह राणा से भी मिले थे। इसके बावजूद मंडी में सुविधाएं नहीं जुटाई गई। गुमथला अनाजमंडी के प्रधान हरबंस मेहता ने बताया कि दशकों पहले गुमथला मंडी में शैड लगवाया गया था। लेकिन अब शैड की लोहे की चादरे टूट चुकी है। जिस कारण शैड का लाभ आढती नहीं ले पा रहे है। वहीं मंडी का फड भी जगह जगह से टूट चुका है। जिसकी रिपेयर आज तक नहीं करवाई गई है। जिस कारण आढतियों को दिक्कत का सामना करना पडता है। मंडी में काफी जगह कच्ची पडी हुई है, जहां आज तक फड न हीं बनाया गया है। जिससे उन्हें दिक्कत उठानी पड रही है। मंडी में शौच के लिए कोई शौचालय नहीं है। मंडी के आढती व किसान खुले में शौच करते है। बार बार मांग किए जाने के बावजूद आज तक मंडी में शौचालय नहीं बनाए गए। गेहूं व धान के सीजन में मार्कीट कमेटी के अधिकारी मंडी में मोबाईल शौचालय अस्थाई तौर पर खडे करके खाना पुर्ति करते है। उनकी मांग है कि सरकार गुमथलामंडी में सुविधाएं जुटाए ताकि किसानों व आढतियों को इसका लाभ मिल सके।