रादौर। रोटरी क्लब की ओर से शहर मे क्रान्तिकारी वीर सावरकर की पुण्य तिथि मनाई गई। इस अवसर पर प्रधान पुनीत गर्ग ने कहा कि क्रान्तिकारी विनायक दामोदर सावरकर का जन्म 28 मई 1883 को हुआ था। वह भारतीय स्वतंत्रता आंदोलन के अग्रिम पंक्ति के सेनानी व प्रखर राष्ट्रवादी नेता थे। उन्हे प्राय: वीर सावरकर के नाम से जाना जाता था। हिन्दु राष्ट्र की राजनीतिक विचारधारा को विकसित करने का बहुत बडा श्रेय वीर सावरकर को जाता है। वह न केवल स्वाधीनता संग्राम के एक तेजस्वी सेनानी थे। अपितु महानक्रान्तिकारी, चिन्तक, सिद्धहस्त लेखक, कवि, औजस्वी वक्ता व दुरदर्शी राजनेता भी थे। वे एक ऐसे इतिहासकार भी है, जिन्होने हिन्दु राष्ट्र की विजय के इतिहास को प्रमाणित ढंग से लिपिबद्ध किया है। उन्होने 1857 के प्रथम स्वतन्त्रता संग्राम का सनसनीखेज व खोजपूर्ण इतिहास लिखकर ब्रिटिश शासन को हिलाकर रख दिया था। इन्होने अपना अधिकांश जीवन कालापानी की जेलों में बिताया और घोर यातनाऐं सहन की। वे विश्व इतिहास के पहले व्यक्ति थे, जिन्हे दो बार आजन्म कारावास की सजा हुई थी। एक फरवरी 1966 को मृत्यु तक उपवास करने का निर्णय लिया और 22 फरवरी 1966 को उनका निधन हो गया।