प्रशासन की ओर से रादौर में कोर्ट बनने की घोषण तीन वर्ष में नही हुई पूरी जनता रोष में

रादौर। उपमंडल का दर्जा मिले तीन वर्ष से अधिक का समय बीत चुका है। लेकिन उपमंडल बनने के बावजूद आज तक शहर में सरकार द्वारा कोर्टे स्थापित नहीं की जा सकी है। उपमंडल बनने के बाद शहर में प्रशासन की ओर से तीन कोर्टे स्थापित किए जाने की घोषणा की गई थी। लेकिन तीन वर्ष बीत जाने के बावजूद आज तक शहर में एक भी कोर्ट स्थापित नहीं की जा सकी है। आधी अधुरी सुविधाओं के साथ रादौर को सरकार ने उपमंडल का दर्जा दिया है। शहर में उपमंडल बनने के बाद लोगों को उम्मीद थी कि जल्द ही शहर में कोर्टे स्थापित होने पर शहर व क्षेत्र के लोगों को रादौर में ही न्याय प्राप्त हो सकेगा। लेकिन वर्षों बाद भी ऐसा नहीं हो पाया है। लोग उम्मीद लगाए बैठे है कि जल्द ही रादौर में कोर्ट स्थापित होने पर उन्हें शहर में न्याय मिल सकेगा। क्षेत्र निवासी धीरपाल, कुलदीप, गुलाबसिह आदि ने बताया कि उपमंडल बनने के बाद शहर में नियमानुसार कोर्टे बनाई जानी चाहिए थी। लेकिन आज तक कोर्ट नहीं बन पाई है। आज भी रादौर क्षेत्र के लोग न्याय के लिए जिला न्यायलय में यमुनानगर जाते है। इससे उनका समय व धन बर्बाद होता है। यदि शहर में कोर्ट बन जाए तो इससे क्षेत्र के लोगों का समय बचेगा और धन की बर्बादी भी नहीं होगी। लोगो ने बताया कि उपमंडल बनने के बावजूद आज तक एसडीएम व डीएसपी का अपना कार्यालय नहीं बन पाया है। एसडीएम कार्यालय बीडीपीओ कार्यालय परिसर में चल रहा है। जबकि डीएसपी का कार्यालय शहर की वीआईपी कालौनी के एक नीजी मकान में चल रहा है। क्षेत्र के लोगों की मांग है कि जल्द से जल्द शहर में मिनी सचिवालय बनवाकर एक छत के नीेचे क्षेत्र के लोगों को उपमंडल की सभी सुविधाएं उपलब्ध करवाई जाए। लोगों की मांग है कि सचिवालय बनने तक शहर में अस्थाई रूप से कोर्टे स्थापित की जाए। इस बारे विधाायक श्यामसिंह राणा ने कहा कि शहर में मिनी सचिवालय बनने का प्रस्ताव पास हो चुका है। जल्द ही शहर के छोटाबांस में सरकार की ओर से मिनी सचिवालय बनवाया जाएगा। जिसके बाद क्षेत्र के लोगों को उपमंडल की सभी सुविधाएं उसमें उपलब्ध होगी।

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