रादौर। रादौर क्षेत्र में सब्जी की अधिक पैदावार ही किसानों की सबसे बडी दुश्मन बन गई है। अधिक पैदावार के कारण किसानों की सब्जी की फसले औने पौने दामों पर बिक रही है। जिससे सब्जी उत्पादक किसान बेहद निराश है। आलम यह है कि शहर की अनाजमंडी में बिकने के लिए आ रही कई सब्जी की फसलों का कोई खरीददार तक नहीं है। ऐसे में किसानों के चेहरे मुरझाए हुए है। बहुत से किसान दुखी मन से अब सब्जी की फसलों को नष्ट कर गेहूं की फसल की बिजाई करने में लग गए है। क्षेत्र के किसान महिन्द्र पोटली, धर्मबीर पोटली, रामकुमार, गुरदयालसिंह, सुमेरचंद आदि ने बताया कि इस समय मुली की फसल को कोई नहीं पुछ रहा है। मूली की फसल मंडी में मात्र दो रूपए किलो बिक रही है। ऐसे में किसानो को उनकी फसल का लागत मूल्य भी नहीं मिल पा रहा है। जिससे निराश होकर किसान मूली की फसल को नष्ट कर गेहूं की फसल की बिजाई कर रहे है। इस समय मंडी में गोभी 10 रूपए किलो, पालक 5 रूपए किलो, मैथी 6 रूपए, बंद गोभी 5 रूपए, टमाटर 10 रूपए, हरी मिर्च 20 रूपए, शिमला मिर्च 20 रूपए, खीरा 10 रूपए किलो, आलू पहले 20 रूपए किलो बिक रहा था, जो अब मात्र 6 रूपए किलो रह गया है। बैंगन 5 रूपए किलो, शलगम 2 रूपए किलो, मटर पहले 40 रूपए किलो था, जो अब 20 रूपए किलो रह गया है। गाजर पहले 20 रूपए किलो थी, अब 5 रूपए किलो रह गई है। प्याज पहले 20 रूपए किलो था, अब 12 रूपए किलो रह गया है। बंद गोभी पहले 20 रूपए थी अब 5 रूपए किलो रह गई हेै। घीया पहले 20 रूपए थी, अब 5 रूपए किलो रह गई है। किसानों ने बताया कि जो सब्जी इस समय क्षेत्र में तैयार हो रही है, उस सब्जी के दाम बेहद कम है। क्षेत्र के लगभग हर गांव में इस समय सब्जी का रिकार्डतोड उत्पादन हो रहा है। यही अधिक उत्पादन किसानों के लिए अभिशाप बन गया है। उधर सब्जी मंडी रादौर के प्रधान विजय आढती ने बताया कि इस समय महाराष्ट्र व गुजरात से करेले, भिंडी, टिंडे की सप्लाई हो रही है। जिस कारण यह सब्जियां 50-50 रूपए किलो बिक रही है। वहीं जिमीकंद 30 रूपए किलो बिक रहा है। बाहर से आने वाली सब्जियों के दाम आसमान छु रहे है। जबकि क्षेत्र में तैयार हो रही सब्जी की फसलों को कोई नहीं पुछ रहा है। जिससे किसान भारी निराश है।