रादाैर। बीडीपीओ कार्यालय रादौर में शुक्रवार को यमुनानदी के गुमथला घाट की बोली कम रेट के कारण लगातार पाचंवी बार प्रशासन के अधिकारियों ने रदद कर दी है। बोली में 10 से 15 ठेकेदार भाग लेने के लिए पहुंचे थे। ठेकेदारों ने गुमथला घाट की बोली 10 लाख एक हजार रूपए लगाई थी। लेकिन प्रशासन के अधिकारियों को बोली कम लगी। जिसके बाद बीडीपीओ मार्टिना महाजन ने जिला उपायुक्त से बात कर घाट की बोली रदद करने की घोषणा की। बोली रदद किये जाने पर ठेकेदारों ने रोष प्रकट किया। जिसके बाद निराश होकर बोली में भाग लेने आए ठेकेदार प्रशासन के अधिकारियों को कोसते हुए वापिस चले गए। बोली में भाग लेने आए ठेकेदार पम्मी खेडकी, जितेन्द्र मेहता, बलिन्द्र,जगमोहन सैनी ठसका, शेषराज आदि ने बताया कि ठेकेदारों ने 10 लाख एक हजार रूपए तक बोली लगाई थी। बीडीपीओ ने घाट को इतने रेट पर देने के लिए हामी भी भर ली थी। लेकिन बाद में बीडीपीओ ने घाट की बोली कम लगाए जाने पर बोली को रदद करने की घोषणा की। ठेकेदारों ने बताया कि प्रशासन की ओर से घाटों की बोली की कोई विडियोग्राफी तक नहीं करवाई गई। लगभग 3 घंटे घाट की नीलामी की प्रक्रिया चली। घंटों प्रक्रिया चलने के बावजूद घाट की बोली रदद करनी पडी। उल्लेखनीय है कि पिछले वर्ष यमुनानदी का गुमथला घाट 33 लाख रूपए में दिया गया था। लेकिन इस बार घाट के ठेकेदार अब तक 5 बार रदद हुई घाट की बोली में मात्र 10 लाख रूपए तक ही बोली दे पाए है। जिस कारण बार बार प्रशासन को घाट की बोली रदद करनी पड रही है। इस बारे बीडीपीओ रादौर मार्टिना महाजन ने बताया कि ठेकेदारों ने घाट की बोली 10 लाख एक हजार रूपए लगाई थी। लेकिन उच्चाधिकारी इतने कम दाम पर घाट की बोली करवाने पर सहमत नहीं हुए। जिसके बाद उन्हें अधिकारियों के आदेश पर बोली रदद करनी पडी है। घाट की बोली अब छठी बार फिर से करवाई जाएगी।