रादाैर। रादौर क्षेत्र के लगभग सभी गांवों में बिजली की तारे खेतों में ढीली पडी हुई है। ढीली तारे आग लगने का कारण बन रही है। ढीली तारों के कारण हर वर्ष क्षेत्र में सैकडों एकड गेहूं व गन्ने की फसले जलकर राख हो जाती है। जिससे किसानों को हर वर्ष लाखों रूपए की फसल से हाथ धोना पड रहा है। बडे स्तर पर फसल की बर्बादी होने के बावजूद बिजली निगम गहरी नींद में सोया हुआ है। किसान ढीली तारों की समस्या को लेकर बिजली निगम के पास जाते है, तो कर्मचारी कोरे आश्वासन देकर उन्हें टरका देते है। जिससे किसान बेबस हो जाता है। जिसका खामियाजा उसे अपनी फसल के रूप में चुकाना पडता है। लेकिन बिजली निगम के अधिकारी व कर्मचारियों की सेहत पर कोई असर नहीं पडता। यदि सरकार किसानों की फसलों में आग लगने पर बिजली निगम केे कर्मचारियों को दंडित करती तो किसानों को अपनी मेहनत व लागत से तैयार की गई फसलों से हाथ धोना न पडता। लेकिन व्यवस्था ज्यों की त्यों है। किसान आग लगने के बाद अपनी फसलों की बर्बादी देखकर भी चुप रह जाता है। यदि निगम के कर्मचारी गांव में जाकर बिजली की ढीली तारों को समय समय पर ठीक करें तो गर्मी के मौसम में आग लगने की घटनाओं में भारी कमी आ सकती है। किसान रामकुमार, महिन्द्र, सतीश कुमार, गुरदयालसिंह, सूशील कुमार, राजपाल आदि ने बताया कि क्षेत्र के किसी भी गांव में बिजली की तारों की व्यवस्था ठीक नहीं हेै। शिकायत करने पर भी बिजली कर्मचारी बिजली की ढीली तारों को ठीक नहीं करते। जिस कारण तारों के आपस में टकराने से आग लगने की घटनाएं हो रही है। क्षेत्र में हर रोज किसी न किसी गांव में आग लगने से फसले नष्ट हो रही है। 90 प्रतिशत फसलें बिजली की ढीली तारों के कारण आग लगने पर नष्ट हो रही है। जिसके लिए बिजली निगम जिम्मेवार हेै। किसान मेहनत व लागत से अपनी गेहूं की फसल को 6 महीने में तैयार करता है। लेकिन बिजली निगम की लापरवाही से कुछ ही मिंटों में आग लगने पर उसकी मेहनत से तैयार की गई फसल जलकर राख हो जाती है। किसान जागरूक नहीं है। यदि किसान फसल जलने पर न्यायलय में जाए तो बिजली निगम को भारी भरकम मुआवजा देना पड सकता है। लेकिन किसान जागरूक नही है। वह न्याय के लिए न्यायलय का दरवाजा नहीं खटखटाता। जिस कारण बिजली निगम के कर्मचारी बिजली की तारों को ठीक करने में लापरवाही बरतते है। उधर बिजली निगम रादौर के एसडीओ बलवानसिंह ने बताया कि सर्दी के मौसम में बिजली निगम के कर्मचारी लोड कम होने के कारण बिजली की तारों को ठीक करते है। तारों व ट्रांस्फार्मरों की विशेष रूप से मुरम्मत करवाई जाती है। इसके बावजूद यदि बिजली की तारे ढीली रह जाती है तो यह ठीक नहीं है। वह इसकी जांच करवाकर कर्मचारियों को ढीली तारे ठीक करने के आदेश देंगे।