यमुनानगर हलचल। जनसूचना अधिकार अधिनियम के तहत गांव ठसका के एक व्यक्ति द्वारा करीब 4 महीने पहले मांगी गई सूचनाओ को पंचायत व संबंधित विभाग ने अभी तक उपलब्ध नहीं करवाया है। जिसको लेकर याचिकाकर्ता ने मामले की शिकायत मुख्यमंत्री से की है।
शिकायतकर्ता का आरोप है कि पंचायत व संबंधित विभाग उसे सूचना देने में इसलिए देरी कर रहे है ताकि पंचायत में हुए भ्रष्टाचार को दबाया जा सके। जिसकी पूर्ण जांच होनी चाहिए। उन्होनें मुख्यमंत्री से मांग की कि उनके द्वारा मांगी गई सूचनाओ को उन्हें जल्द से जल्द दिलवाया जाए ताकि वह पंचायत के कार्यकाल में हुए भ्रष्टाचार को उजागर कर सके।
गांव ठसका निवासी राजबीर ने सीएम विंडो पर मुख्यमंत्री के नाम दी शिकायत में कहा है कि गांव की तत्त्कालीन पंचायत ने अपने पंचायत के कार्यकाल 2010 से 2015 में मनरेगा के तहत कार्य करवाएं थे। इस दौरान मनरेगा के तहत मजदूरो ने जो कार्य करवाएं थे उन्होंने आरटीआई के तहत उन कार्यो की बैंक डिटेल 7 जुलाई को खंड विकास एवं पंचायत अधिकारी रादौर के माध्यम से मांगी थी। क्योंकि उन्हें शक है कि इस कार्य में बड़े स्तर पर धांधली की गई है। लेकिन विभाग की ओर से उन्हें जानकारी उपलब्ध नहीं करवाई गई।
जिसके बाद 10 अगस्त को उन्होंने प्रथम अपील अधिकारी कम जिला उपायुक्त यमुनानगर से भी इस बारे सूचना मांगी। वहां से भी उन्हें यह सूचना उपलब्ध नहीं हो पाई। तब उन्होंने 11 सितंबर को राज्य जनसूचना आयोग हरियाणा के पास अपील की। लेकिन वहां से भी उसे जानकारी उपलबध नहीं हो पाई। एक ओर तो सरकार ने जनसूचना अधिकार अधिनियम लागू कर दिया है वहीं दूसरी ओर संबंधित अधिकारी इस अधिनियम को गंभीरता से नहीं ले रहे है। उन्हें शक है कि उनके द्वारा मांगी गई सूचनाओ में बड़े स्तर पर हुआ घोटाला उजागर हो सकता है। इसलिए ही अधिकारी इस मामले को दबाने का प्रयास कर रहे है।
मुख्यमंत्री से अपील की कि उनके द्वारा मांगी गई सूचनाओ को जल्द से जल्द दिए जाने के आदेश जारी किए जाएं ताकि वह इस मामले में आगामी कार्रवाई करते हुए भ्रष्टाचार को खुलासा कर सके।