यमुनानगर/रादौर। हथिनीकुंड बैराज की ओर से आया लगभग 6 लाख से अधिक क्यूसिक पानी रादौर क्षेत्र में पहुंच गया। लाखों क्यूसिक पानी से यमुना नदी में भयंकर बाढ आ गई है। जिससे यमुनानदी ने विकराल रूप धारण कर लिया है। बाढ का पानी सबसे पहले गांव लालछप्पर में घुसा। बाढ का पानी गांव लालछप्पर में चारों ओर खडा हुआ है।
गांव लालछप्पर से होते हुए बाढ का पानी राज्यमंत्री कर्णदेव कांबोज के गंाव मंधार, राझेडी से होते हुए कण्डरौली तक पहुंच गया है। जिसके बाद देर शाम तक बाढ का पानी जिले की सीमा को लांघते हुए करनाल जिले के गांव खुखनी में प्रवेश कर गया। यमुनानदी की बाढ से रादौर क्षेत्र के गांव लालछप्पर, संधाला, संधाली,
गुमथला, जठलाना, मारूपुर, उन्हेडी, एमटी करहेडा, मंधार, राझेडी, कण्डरौली आदि गांवों में हजारों एकड में खडी धान व गन्ने की फसले जलमग्न हो गई है। प्रशासन की ओर से जिला पुलिस अधीक्षक राजेश कालिया ने रविवार को गांव लालछप्पर व संधाली का दौरा कर स्थिति का जायजा लिया। इस अवसर पर पुलिस अधीक्षक राजेश कालिया ने बताया कि यमुना में आई बाढ को लेकर प्रशासन स्थिति पर कडी नजर रख रहा है। बाढ को लेकर प्रभावित गांवों में हिदायते जारी की गई है। इसके अलावा पुलिस कर्मचारियों को बाढ क्षेत्र में लोगों की मदद के लिए हर समय तैयार रहने के आदेश दिए गए है। उन्होंने बताया कि हथिनीकुंड बैराज से छोडा गया पानी क्षेत्र में पहुंचा है। अब बैराज पर पानी कम हो गया है। जल्दी ही क्षेत्र में स्थिति नियंत्रण में आ जाएगी।
यमुना की बाढ से यमुनानगर-करनाल वाया जठलाना सडक मार्ग हुआ अवरूद्ध – यमुनानदी में आई भयंकर बाढ से गांव लालछप्पर व संधाली में सड़कों पर 2 से 3 फुट पानी तेज रफतार से बह रहा है। ऐसे में लोगों को सडक से गुजरने में भारी मुशक्कत करनी पड रही है। बहुत से लोग अपने गणतव्य तक पहुंचने के लिए दूसरें सडक मार्गों का इस्तेमाल कर रहे
है। बाढ के पानी से गांव संधाली में सडक क ो भारी नुक्सान पहुंचा हेै। बाढ प्रभावित गांव के लोग यमुना नदी की स्थिति पर लगातार नजर रख रहे है और अपने परिवार के सदस्यों क ो यमुना की ओर न जाने की अपील कर रहे है। रविवार को यमुना का जल स्तर तेजी से बढा और खेतों क ी ओर जाने वाले रास्तों पर कई कई फुट पानी आने से किसान सुबह अपने खेतों में नहीं जा
पाए। किसान टोनी राणा एमटी करहेडा, राजसिंह, विरेन्द्र चौहान लालछप्पर, प्रदीप राणा, सुशील राणा पूर्व सरपंच, पवन राणा, पार्थ राणा, महिन्द्र राणा, रणदीपसिंह आदि ने बताया कि यमुना में आई बाढ से किनारे पर बसे गांव के लोगों की हजारों एकड़ फसले पानी में डुब चुकी है। जिससे किसानों को भारी नुक्सान होगा। प्रभावित किसानों ने बताया कि यदि यमुना का
जल स्तर जल्द कम नहीं हुआ तो उनकी फसले नष्ट होना तय है। किसानों ने बताया कि यमुना में बाढ आने के कारण खेतों में कई कई फुट पानी खडा है। ऐसे में उनके लिए अपने पशुओं का चारा लाना संभव नहीं है। पशुओं के लिए चारे की समस्या खडी हो गई है। किसानों ने बताया कि यमुनानदी में खनन होने से क्षेत्र में इस बार पानी से कम नुक्सान हुआ है। खनन होने से यमुना की गहराई ज्यादा हो गई है। जिससे यमुना का पानी तेजी से बह रहा है। पहले खनन न होने के कारण यमुना का पानी क्षेत्र में ज्यादा नुक्सान पहुंचाता था।
लेकिन अब ऐसा नहीं है। खनन से यमुना का पानी ज्यादातर यमुना में बह रहा है। बाढ के कारण यमुनानदी पार ढाह लगने से काफी भुमि फसलों सहित यमुना नदी में समा गई हेै। उधर भारतीय किसान यूनियन की ओर से जिला प्रधान संजु गुंदयाना ने सरकार से मांग की कि सरकार बाढ प्रभावित क्षेत्रों में ग्रामीणों की मदद करें और यमुना का जल स्तर कम होने के बाद प्रभावित फसलों की गिरदावरी करवाकर किसानों का प्रति एकड 50 हजार रूपए मुआवजा दिया जाए।