साहित्यकार डॉ कँवल नयन कपूर , डॉ उमेश प्रताप वत्स, एवं बलदेवराज भारतीय की पुस्तकों का हुआ विमाचेन
यमुनानगर। हरियाणा साहित्य अकादमी में पहली बार हरियाणा के वरिष्ठ साहित्यकारों की पुस्तकों का
सामूहिक विमोचन कार्यक्रम आयोजित किया गया। इसमें यमुनानगर से भी तीन
साहित्यकार डॉ कँवल नयन कपूर , डॉ उमेश प्रताप वत्स, एवं बलदेवराज भारतीय की पुस्तकों के
शामिल होने पर जिला यमुनानगर स्वयं को गौरवान्वित अनुभव कर रहा है।
शहीद परमिन्द्र सिंह राजकीय उच्च विद्यालय तेजली में कार्यरत्त हिन्दी प्राध्यापक डॉ उमेश प्रताप वत्स द्वारा रचित काव्य संग्रह “तरकश के तीर” का विमोचन अन्य साहित्यकारों के साथ अकादमी भवन पंचकूला में हिमाचल के महामहिम राज्यपाल आचार्य देवव्रत ने अपने करकमलों से किया। इस कार्यक्रम में लगभग 35 साहित्यकारों की 48 पुस्तकें शामिल थी तथा सभी साहित्यकारों ने अपनी पुस्कत पर अपने शब्दों में समीक्षा वृत्त भी रखा। डॉ वत्स ने अपनी पुस्तक “तरकश के तीर” में सभी विषयों के
तीर रखे हैं। उन्होंने राष्ट्रीयता, नारीत्व, बेटियाँ, प्रकृति, खेल, पशु-पक्षी, संस्कार, देश प्रेम , सामाजिक मूल्य, विवशता व समरसता आदि विषयों पर कविताओं की रचानाएं की है जो अधिकतर पत्र- पत्रिकाओं में भी प्रकाशित हो चुकी हैं। माँ का दर्द कविता में मुम्बई ताज होटल पर हमले पर गद्दारों को ललकारा है तो मौन है गैया कविता पर गऊ माता की प्राचीन समय में तथा आज के समय में तुलना की है। नारी तेरे रुप हजार में नारी का गर्वान्वित इतिहास व वर्तमान भौतिकता को उजागर किया है तो मैं भारत की बेटी हूँ में बेटियों के स्वाभिमान पर कलम चलाई है। सभी रचनाएं अन्त में समाज को दिशा देती हुई समापन की ओर बढ़ती है। डॉ वत्स ने बताया कि आज मुझे बहुत ही खुशी हो रही है कि जहाँ एक ओर कॉलेज में हिन्दी
प्राध्यापक कँवल नयन कपूर जी ने अपने पढ़ाने के ढंग से मेरी रूचि हिन्दी के साथ-साथ साहित्य की
ओर भी आकर्षित की है और जिनेक साहित्यिक जीवन पर ही मैंने एमफिल व पीएचडी की है उन्हीं
की उपस्थिति में दूसरी ओर जिन आचार्य देवव्रत ने मुझे गुरुकुल में नौ वर्षो तक पढ़ाया है आज
राज्यपाल होने पर उन्हीं के हाथों मेरी पुस्तक का विमोचन हुआ। स्कूल स्टाफ के साथ ही सारे
शिक्षक समाज में एवं हरियाणा राजकीय अध्यापक संघ के सदस्यों में इस बात को लेकर अत्यन्त
खुशी है कि डॉ वत्स के कारण हमारे जिला का नाम भी हरियाणा साहित्यिक पटल पर गर्वान्वित
हुआ है। इस अवसर पर हरियाणा साहित्य अकादमी की निदेशिका डॉ कुमुद बंसल, उर्दू अकादमी के
उपाध्यक्ष डॉ चन्द्र त्रिखा, वरिष्ठ साहित्यकार डॉ लालचंद गुप्त मंगल, विद्या भारती के निदेशक डॉ
रामानंद जी, एवं राष्ट्रपति से सम्मानित वरिष्ठ साहित्यकार डॉ कँवलनयन कपूर जी भी उपस्थित
रहे।