Yamunanagar Hulchul : जागरूकता के अभाव में साइबर क्राइम बढ़ रहा है। आए दिन साइबर ठगी के मामले सामने आ रहें हैं। ठग नए-नए हाईटेक तरीके से ठगी की वारदात को अंजाम दे रहे हैं। कई साइबर ठग फर्जी लिंक भेज कर तो कई एटीएम कार्ड के पीछे लिखे सी.वी.वी. नंबर और खाते नंबर से पैसे गायब कर देते हैं। इसके लिए ठग एटीएम कार्ड की क्लोनिंग भी करते हैं।
प्रत्येक ए.टी.एम. व डेबिट कार्ड में एक मैग्नेटिक स्ट्रिप होती है, जिसमें कार्ड से संबंधित महत्वपूर्ण गोपनीय जानकारी होती है। साइबर अपराधी द्वारा स्कीमिंग डिवाइस के माध्यम से इस गोपनीय जानकारी को कार्ड से संग्रह कर लिया जाता है। किसी खाली कार्ड पर कॉपी कर असली एटीएम कार्ड का क्लोन बना लिया जाता है।
पीड़ित के द्वारा ए.टी.एम. पिन अंकित करते समय पिन होल, स्पाई कैमरा, एटीएम की–पैड के ऊपर ओवरले डिवाइस इत्यादि का प्रयोग कर साइबर अपराधी पीड़ित के ए.टी.एम. कार्ड का पिन प्राप्त कर खाते से अवैध निकासी करते हैं। जागरूकता ही हमें बचा सकती है।
बचाव के लिए सुझाव :
ए.टी.एम. हमेशा स्वयं अंकित करें एवं यह सुनिश्चित करें कि कोई इसे देख नहीं सके। पैसे निकलवाने के पूर्व छुपे हुए कैमरा, स्कीमर डिवाइस इत्यादि की जांच कर ले। ए.टी.एम. की–पैड की जांच कर यह आश्वस्त हो ले कि किसी भी प्रकार का ओवरले डिवाइस की–पैड में ना लगे हो।
ए.टी.एम. कार्ड इत्यादि से पैसे निकालते समय अपने अगल-बगल या पीछे किसी को खड़ा ना होने दें। ए.टी.एम. पिन को हमेशा बदलते रहें एवं ऐसा पिन न रखे जो आसानी से अनुमान लगाया जा सके। यह सुनिश्चित कर लें कि बैंकिंग लेनदेन से संबंधित विवरण आपको मैसेज के माध्यम से भी प्राप्त हो।
कमलदीप गोयल, एस.पी. यमुनानगर :
जब कभी भी एटीएम पिन को दर्ज करें तो उसे ढंक लें। बैंक ट्रांजेक्शन की तुरंत जानकारी के लिए एसएमएस अपडेट
की सुविधा का इस्तेमाल करें। अगर आपके कार्ड से कोई संदेहास्पद लेनदेन होता है तो आपको तुरंत इसकी जानकारी हो जाएगी। जितनी जल्दी हो सके इसकी सूचना बैंक और पुलिस को देनी चाहिए। यहां से तुरंत मदद की जाएगी।