#यमुनानगर_हलचल। सरकारें अर्थ व्यवस्था के पहिए को फिर से घुमाने के लिए और डूबते हुए उद्योग धंधों को पुनर्जीवन देने के लिए विभिन्न पैकेज देने की बात कह रही है। कोरोना वायरस पूरी दुनिया के लिए किसी अभिशाप से कम नहीं है। बहुमूल्य इंसानी जीवन निगलने वाला यह नामुराद वायरस अब व्यपारियों और उद्योगपतियों के सामने आर्थिक संकट जैसे हालात भी खड़े कर रहा है। सरकारें अर्थ व्यवस्था के पहिए को फिर से घुमाने के लिए और डूबते हुए उद्योग धंधों को पुनर्जीवन देने के लिए विभिन्न पैकेज देने की बात कह रही है। मगर प्लाई उद्योग से जुड़े व्यपारी इससे खास संतुष्ट नहीं नजर आ रहे। उनका कहना है कि सरकार ने आर्थिक मदद के नाम पर केवल सहूलियत दी है। इससे पहले से मंदी का सामना कर रहा व्यपारी कर्ज के बोझ में दब जाएगा। वह चाहते है कि व्यपार को बूस्ट करने के लिए सरकार एक डेढ़ साल तक जीएसटी को 18 से घटाकर 10 प्रतिशत कर दें। जिससे लोग खरीदारी ज्यादा करेंगे। और यह मंदी के दौर में व्यापार के लिए संजीवनी बूटी का काम करेगा।
प्लाईवुड उद्योग की राजधानी कहे जाने वाले यमुनानगर शहर से देखिए यह ख़ास रिपोर्ट।
कल तक गढ़-गड़ाती प्लाईवुड उद्योग की यह मशीनें कोरोना वायरस की वजह से शांत पड़ चुकी हैं। प्लाईवुड उद्योग का हब कहे जाने वाले यमुनानगर जिले में लगभग एक हजार प्लाई बोर्ड उद्योग हैं। यकीनन इन उद्योगों से हजारों लोगों कि रोजी रोटी भी जुड़ी हुई थी। मगर कोविड-19 की वजह से देशभर में लगाए गए लॉकडाउन में उद्योग धंधे बंद पड़े थे। इनसे जुड़े श्रमिक भी अपने मूल राज्यों में जाने के लिए बेबस होकर पलायन कर रहे हैं। भारत सरकार द्वारा अब लॉक डाउन-4 में व्यापार उद्योग धंधों को पुनः सुचारू रूप देने के लिए इन्हें धीरे-धीरे पटरी पर लाने का प्रयास किया जा रहा है। इसी कड़ी में प्रधानमंत्री द्वारा बीस लाख करोड़ का पैकेज देने के लिए भी ऐलान किया गया है। वहीं प्लाईवुड एसोसिएशन के यमुनानगर अध्यक्ष जेके बियानी की माने तो सरकार ने लघु उद्योग के लिए तीन लाख करोड़ की मदद नहीं, सुविधा देने की बात कही हैं। बन्द पड़े उद्योगों को दोबारा शुरू करने के लिए 20 प्रतिशत लिमिट को बढ़ाने की बात कही जा रही हैं। मगर इसके लिए व्यपारियों को ब्याज चुकाना होगा। उन्हें उम्मीद थी कि सरकार पहले से नुकसान झेल रहे व्यापारियों पर ब्याज का बोझ नहीं लादेगी। बियानी ने मांग की कि सरकार इस ब्याज को 5 प्रतिशत पर निर्धारित करें। वह चाहते हैं कि सरकार एक डेढ़ साल के लिए जीएसटी को भी 18 से घटाकर 10 प्रतिशत पर ले आएं क्योंकि मंदी में डिमांड में कमी आती है इस कदम से व्यापार में बूस्ट आएगा 2008 -9 की महामंदी के दौरान भी सरकार ने एक साल के लिए एक्साइज टैक्स में कमी की थी। इसके अलावा लॉकडाउन के दौरान बैंक द्वारा व्यापारियों पर लगाए गए ब्याज दर को घटाकर आधा कर देना चाहिए। इससे व्यापारियों के खर्चे कंट्रोल होंगे वरना लोन लेकर खुद को कर्ज के नीचे दबाने वाली बात हो जाएगी। प्लाईवुड एसोसिएशन यमुनानगर के अध्यक्ष जेके बियानी ने बताया कि यमुनानगर में लगभग 1000 प्लाई बोर्ड से जुड़े यूनिट है। जिनमें रोजाना पचास करोड़ का उत्पाद होता था जो आज 30 से 40 प्रतिशत लेबर के साथ चल रहे इतने ही यूनिट की वजह से दस करोड़ पर लुढ़क गया है। श्रमिक भी अपने घर की तरफ रुख कर चुके है अब जब श्रमिक वापिस आएंगे तभी 100 फ़ीसदी काम शुरू हो पाएगा। इसके अलावा जिस जगह से डिमांड आती थी वह रेड जोन में होने की वजह से वहां के बाजार बंद है जिससे वहां की आर्थिक गतिविधियां भी ठप हो चुकी हैं। ऐसे में व्यापारियों की पुरानी पेमेंट भी अटकी पड़ी है।
लॉकडाउन के दौरान बैंक द्वारा व्यापारियों पर लगाए गए ब्याज दर को आधा करे सरकार : जेके बिया
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