यमुनानगर। न्यू हैप्पी पब्लिक स्कूल यमुनानगर में भगवान श्री कृष्ण की जन्मोत्सव पर्व जन्माष्टमी अत्यंत धूमधाम से मनाई गई। इस पावन पर्व पर कई कार्यक्रमों का आयोजन विद्यालय के प्रांगण में किया गया जिसमें सभी विद्याथियों ने उत्साहपूर्वक भाग लेकर अपनी-अपनी सहभागिता प्रस्तुत की। कक्षा प्री-नर्सरी से के.जी. के बच्चों ने श्री कृष्ण और राधा का रूप धारण कर सभी को मोहित कर दिया। विद्यार्थियों ने मनमोहक भजन सुनाए जिनमें भगवान श्री कृष्ण की बाल लीलाओं का वर्णन किया गया जिससे स्कूल का पूरा वातावरण भक्तिमय हो गया। जन्माष्टमी पर्व के इस भव्य आयोजन का सभी ने आनंद लिया व अपनी भक्ति भावना को प्रकट किया ।
कक्षा प्री-नर्सरी के आर्यन, हर्षिता, शिवांश, पीयूष, राध्या, हरमन, भाविक, हर्षिता, आरूश, हर्षित, अंशुमन, यश, शिवांश, प्रगति, ध्रुव व प्रिंसी श्री कृष्ण की पोशाक में अत्यंत मनमोहक लग रहे थे। कक्षा नर्सरी की यूक्ती, निमित, प्रभजोत, आयूष, वैभव, जससिमरन, हिमानी, विशु, नमन, प्रियांशी, सिमरप्रीत, कनव, दृष्टि, गरिमा, कीर्ति, काव्या, टविंक्ल, हिमांशु, हर्षित, आशीष, सीरत, यश, ओम शर्मा, केशव, रियांश व हेमंत ने श्री कृष्ण की बाल अवस्था को दर्शाया।
वही कक्षा के.जी. के माधव, यशिका, जीविका, विहान, भूमि, चाहत, आराध्या, आयुष, दिवांशा, देवांगी, इशिता, परी, नैतिक व जीविका के मनमोहक नृत्य ने सभी की तालियाँ बटोरी।
स्कूल प्रंबधक कमेटी के चेयरमैन जी.एस.षर्मा ने इस अवसर पर बताया कि भगवान कृष्ण ने धरती पर बढ़ते हुए अधर्म का नाष करने के लिए व धर्म की स्थापना के लिए अवतार लिया था। उन्होंने हमें कर्म करने का संदेष दिया है। हमें उनके जीवन से प्रेरणा लेते हुए कभी भी अधर्म का साथ नहीं देना चाहिए तथा नित्य कर्म करते हुए जीवन को सफल बनाने का प्रयत्न करना चाहिए।
स्कूल की प्रधानाचार्या डॉ. बिन्दू षर्मा ने विद्यार्थियों की षानदार प्रस्तुति की सराहना की तथा प्रसन्नता व्यक्त करते हुए कहा कि हमें गर्व है कि हम भारत की इस पावन धरती पर पैदा हुए है। जहाँ भगवान बार-बार अवतार लेते रहे हैं। भगवान श्री कृष्ण ने गीता का जो दिव्य संदेष मानवता को दिया है वह अद्भुत है उनकी बाल लीलाए अत्यंत मनमोहक है। वैसे तो उनके जीवन की हर बात हमें बहुत कुछ सिखाती है। लेकिन उनकी सच्ची मित्रता का अनुपम उदाहरण हमें अपने जीवन में प्रस्तुत करने की प्रेरणा देता है। उन्होंने सभी को श्रीकृष्ण जन्माष्टमी की षुभकानाएॅं दी।