#यमुनानगर_हलचल। स्वास्थ्य विभाग यमुनानगर द्वारा मुकन्द लाल वरिष्ठ माध्यमिक विद्यालय में राष्ट्रीय कृमि मुक्ति अभियान का शुभारम्भ उपायुक्त मुकुल कुमार व सिविल सर्जन डॉ. विजय दहिया के कर कमलों द्वारा किया गया। इस अवसर पर उपायुक्त व सिविल सर्जन द्वारा सभी उपस्थित बच्चों व अध्यापकों को शपथ दिलवाई कि वे कोविड-19 महामारी में सभी स्वास्थ्य निर्देशों का पालन करेंगे तथा अन्यों को भी इसकी पालना के लिये प्रेरित करेंगे।
इस अवसर पर उपायुक्त मुकुल कुमार द्वारा विद्यालय के बच्चों को एलबेन्डाजोल की दवाई वितरित की गई तथा बच्चों, अध्यापकों व उपस्थित लोगों ने बडे उत्साह से गोली चबाकर खाई। उन्होंने कहा कि समय-समय पर बच्चों को एलबेन्डाजोल की दवाई खिलाते रहें। उन्होंने कहा कि जैसा कि सभी को ज्ञांत है कि कोविड महामारी के चलते सभी विद्यालय व शिक्षण संस्थान बंद हैं, जिस कारण सभी बच्चे घर पर ही हैं। अत: राष्ट्रीय कृमि मुक्ति अभियान के तहत आशा व आंगनवाडी कार्यकर्ता घर-घर जाकर बच्चों को एलबेन्डाजोल की दवाई खिलायेंगी।
इस अवसर पर सिविल सर्जन डॉ. विजय दहिया ने बताया कि राष्ट्रीय कृमि मुक्ति अभियान 12 अक्तूबर से 20 अक्तूबर 2020 तक चलाया जा रहा है। इस अभियान के तहत सभी 18 वर्ष तक के बच्चों को एलबेन्डाजोल की दवा खिलाई जाती है, जिससे की बच्चों को पेट में होने वाले कीडों से बचाया जा सके। उन्होंने बताया कि कोरोना के चलते अभियान में विशेष सावधानियों का पालन किया जायेगा। जैसे आशा कार्यकर्ता घर-घर जाकर बच्चों को यह दवा खिलायेगी तथा यह सुनिश्चित करेंगी के बच्चा उनके सामने ही गोली को चबा-चबा कर खाये। वे गल्बस, मास्क व सैनेटाईजर का प्रयोग करेंगी तथा सामाजिक दूरी बनाये रखेंगी। उन्होंने बताया कि कन्टेन्मैन्ट जॉन में फिलहाल यह दवाई नहीं खिलाई जायेगी, परन्तु कन्टेन्मैन्ट जोन के हटने के पश्चात बच्चों को दवाई खिलाई जायेगी। उन्होंने बताया कि इस अभियान को स्वास्थ्य विभाग के दिशा-निर्देशानुसार चलाने के लिये सभी आशा व आंगनवाडी कार्यकर्ताओं की ट्रेनिंग करा दी गई है। उन्होंने बताया कि इस वर्ष कृमि मुक्ति अभियान के अंतर्गत 20 से 24 वर्ष की लगभग 24000 प्रजनन आयु की महिलाओं को भी एलबेन्डाजोन की गोली खिलाने का लक्ष्य रखा गया है।
इस अवसर पर उप सिविल सर्जन डॉ बुलबुल कटारिया ने बताया कि इस बार कोविड के चलते मजदूरों के परिवार यहॉं से स्थानांतरित हुये हैं तथा जिस कारण हमारे जिले का लक्ष्य 4 लाख से घट कर 3.3 लाख रह गया है। अत: हमारी कोशिश रहेगी कि सभी बच्चों को यह दवाई खिलाई जाए, क्योंकि पेट में कीडे होने के कारण बच्चों को अधूरा पोषण मिलता है व बच्चे अनीमिया व अन्य कुपोषण सम्बंधित बीमारियों से ग्रस्त होते हैं। इस दवा के सेवन से इन बिमारियों से बचा जा सकता है। इस अवसर पर डॉ. बुलबुल कटारिया, डॉ. मधु शर्मा, सज्जन कुमार व पारूल के साथ विद्यालय के प्रधानाचार्य नरूला, अध्यापकों व बच्चों के साथ उपस्थित रहे।
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