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निगमायुक्त ने खुद किट पहनकर किया उद्घाटन
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किट मिलने से अधिक गहराई तक डूबे लोगों की तलाश कर सकेंगे गोताखोर
Yamunanagar Hulchul : नहरों व नदियों में डूबती जिंदगियों को बचाने के लिए अब गोताखोरों की सांस नहीं फूलेगी। इसके लिए नगर निगम ने गोताखोरों के लिए डाइविंग सेट व ब्रीथिंग एयर कंप्रेशर किट की व्यवस्था कर दी गई है। वहीं, दो और डाइविंग सेट व ब्रीथिंग कंप्रेशर किट मंगवाई गई है।
मंगलवार को नगर निगम आयुक्त अजय सिंह तोमर ने खुद डाइविंग सेट व ब्रीथिंग एयर कंप्रेशर किट को पहनकर इसका उद्घाटन किया। इसके बाद इसे निगम के गोताखोर अमर सिंह व रामकेश को यह डाइविंग सेट व ब्रीथिंग कंप्रेशर किट सौंपा। यह सुविधा मिलने से अब गोताखोर पानी में अधिक गहराई तक डूबे हुए लोगों की तलाश कर सकेंगे।
बता दें कि यमुना नदी, सोमनदी, पश्चिमी यमुना नहर, आवर्धन नहर व अन्य नदियां जिले से गुजर रही हैं। इनमें से पश्चिमी यमुना नहर शहर के बीच से होकर निकलती है। गर्मियों के सीजन में नहर व नदियों में नहाते हुए हर दिन किसी न किसी के डूबने की घटना सामने आती है। वहीं, कुछ लोग जिंदगी से परेशान होकर नहर में छलांग लगा लेते है। लेकिन इन डूबती जिंदगियों को तलाशने के लिए गोताखोरों के पास अब तक पर्याप्त उपकरण नहीं थे।
जिसके चलते गोताखोर पानी में अधिक देर तक डूबे हुए लोगों की तलाश नहीं कर पाते थे। क्योंकि पानी में डूबकी लगाने के कुछ देर बाद ही उनकी सांस फूलने लगती थी। ऐसे में आवश्यकता पड़ने पर कुरुक्षेत्र व अन्य जिलों से सामान मंगवाया जाता था। बड़ा हादसा होने पर कई बार कुरुक्षेत्र से ही गोताखोरों की टीम को बुलाना पड़ता था। निगम के गोताखोरों को डाइविंग सेट व ब्रीथिंग कंप्रेशर किट उपलब्ध करवाने के लिए कुछ माह पहले निगम की ओर से लगभग 7.80 लाख रुपये का टेंडर जारी किया गया था।
जिसके बाद अब नगर निगम ने डाइविंग सेट व ब्रीथिंग कंप्रेशर किट की व्यवस्था की है। मंगलवार को निगम आयुक्त अजय सिंह तोमर ने यह किट निगम के गोताखोरों को दी। निगमायुक्त अजय सिंह तोमर ने बताया कि हमने दो डाइविंग सेट व ब्रीथिंग कंप्रेशर किट और मंगवाई गई है, गोताखोरों को किसी प्रकार की कोई दिक्कत न आए। डाइविंग सेट व ब्रीथिंग कंप्रेशर किट मिलने से गोताखोर अब डूबे हुए व्यक्ति की तलाश पानी की तलहटी तक जाकर कर सकेंगे।
किट पहनकर 45 मिनट तक पानी में रह सकता है गोताखोर
हर साल जिले की नदियों व नहरों में डूबने वालों का आंकड़ा 50 से अधिक का है। गर्मियों के दिनों में आंकड़ा बढ़ जाता है। डूबने वालों की संख्या पश्चिमी यमुना नहर व आवर्धन में सबसे अधिक होती है। नहर में डूबने वालों की तलाश करने के लिए जब गोताखोर पानी के अंदर एक या डेढ़ मिनट तक ही अपनी सांस रोक सकता है। इसके बाद सांस फूलने लगती है।
यही वजह है कि तीन दिन तक डूबे व्यक्ति का शव नहीं मिल पाता। 72 घंटे बाद शव स्वयं फूलकर बाहर आता है। लेकिन किट पहनकर गोताखोर 30 से 45 मिनट तक पानी में रहकर तलाश कर सकता है। इसलिए अब गोताखोर अधिक देरी तक नहर में डूबे लोगों की तलाश कर सकेंगे।
अब गहरे कुंड में भी गोताखोर कर सकेंगे तलाश
जिले में नदी व नहर का क्षेत्र लगभग 74 किलोमीटर है। यमुना नदी में खनन होने के कारण बड़े-बड़े कुंड बन चुके हैं। ऐसे में यहां डाइविंग सेट व एयर कंप्रेशर किट की जरूरत और भी अधिक है। इसके अलावा पश्चिमी यमुना नहर में भी गहरे कुंड हैं। कुंड इतने गहरे हैं कि इनमें पूरा हाथी समा जाए। बिना किट के इन कुंडों में नहीं जाया जा सकता।
अकसर इन्हीं कुंड में डूबे लोगों के शव फंस जाते हैं और बाहर नहीं निकलते। शव में पानी भरने के बाद लगभग 72 घंटे बाद ही ये ऊपर आ पाते हैं। इसलिए डूबे लोगों के शवों को जल्द बाहर निकालने के लिए भी डाइविंग सेट जरूरी था।
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