भागवत कथा में आकर कथा को श्रवण करने से सुधरते हैं लोक-परलोक
Yamunanagar Hulchul (Amadalpur) : प्राचीन सूर्य कुंड मंदिर अमादलपुर में चल रहे 100 कुंडीय महायज्ञ श्रीमद् भागवत कथा के दौरान श्रद्धालुओं को संबोधित करते हुए कथा व्यास ऋषभदेव जी महाराज ने कहा कि हमें मोह माया से दूर रहना चाहिए तथा भक्ति में अपना जीवन व्यतीत करना चाहिए। उन्होंने कहा कि श्रीमद्भागवत कथा श्रवण करने वाले लोग भाग्यशाली होते हैं केवल भाग्यशाली लोगों को ही ऐसे अवसर मिलते हैं कि वह भागवत कथा में आकर कथा को श्रवण करते हुए अपना लोक और परलोक सुधारते हैं।
उन्होंने कहा कि आदमी चाहे कितना भी व्यस्त क्यों ना हो लेकिन भगवान के लिए समय निकालना जरूरी है। दिन भर के काम तो होते ही है लेकिन कुछ समय यदि भगवान के लिए निकाला जाए तो उससे मन को शांति मिलती है और सकारात्मक विचार पैदा होते हैं।इस मौके पर उन्होंने भगवान की लीलाओं के विभिन्न प्रसंगों का विस्तार से वर्णन किया और बताया कि किस प्रकार सुखदेव जी महाराज ने इस कथा को एक वट के वृक्ष के नीचे बैठकर श्रद्धालुओं और संतों को सुनाएं।
भगवत कथा से पूर्व हवन यज्ञ में पहुंचे श्रद्धालुओं ने आहुतियां दी तथा आपसी भाईचारा सौहार्द व सुख समृद्धि की कामना की। इस कार्यक्रम में यमुनानगर जिले से ही नहीं बल्कि आसपास के जिलों में प्रांतों से भी भारी संख्या में श्रद्धालु पहुंच रहे हैं।कार्यक्रम के उपरांत सूर्य कुंड पर होने वाली संध्या आरती विशेष आकर्षण का केंद्र बनी हुई है। जिस प्रकार हरिद्वार तथा काशी विश्वनाथ में गंगा जी की आरती होती है इसी प्रकार से यह आरती हो रही है।
कार्यक्रम के दौरान गाय के भजनों का भी श्रद्धालुओं ने जमकर आनंद उठाया। श्रद्धालुओं का कहना था कि उन्हें यहां आकर आनंद की अनुभूति हो रही है क्योंकि लंबे समय बाद उन्हें ऐसा कोई कार्यक्रम देखने को मिला है विशेष रूप से संध्या आरती के दर्शन करने के लिए लोगों की भीड़ लग रही है।
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