स्टूडेंट़स को फिल्म दिखवा जीवन में आने वाली समस्याओं  से निपटने के लिए किया प्रेरित

यमुनानगर। महाराजा अग्र्रसैन महाविद्यालय में डाॅ. वीरेन्द्र सिंह के नेतृत्व में लीगल लिटेªसी सेल, विधिक सेवा प्रकोष्ठ के तहत 9 अगस्त, 1942 भारत छोड़ो आन्दोलन के तत्वावधान में ‘क्रान्ति दिवस’  के रूप में आयोजित किया गया। इस आयोजन का मूल ध्येय ‘सामाजिक समस्याओं  के प्रति  क्रान्ति  का बिगुल बजाना रहा। कार्यक्रम  का उद्घाटन काॅलेज प्राचार्य  डाॅ. पी.के.बाजपेयी  के प्रेरक उद्बोधन से हुआ। डाॅ. बाजपेयी ने युवा छात्र वर्ग को ही सामाजिक कुरीतियों को दूर करने का एकमात्र सहारा व साधन बताया। 
आयोजन के मुख्यअतिथि व वक्ता  ‘उत्थान संस्थान  की निदेषक डाॅ. अन्जू बाजपेयी रहीं। निदेषक  डाॅ. अन्जू बाजपेयी ने अपने अनुभवों  के बल पर युवा छात्र-छात्राओं के व्यवहार, उनका रहन-सहन व परस्पर के सम्बन्धों पर चर्चा की।  डाॅ. अन्जू बाजपेयी ने कहा कि  वर्तमान  मंे जो  समाज में अनैतिकता  की वृद्धि हो रही है वह युवा वर्ग को सही  दिषा दिखाने वालों का अभाव है। युवा वर्ग को तात्कालिक सही मार्गदर्षन  करवाना अनुभवी  गुरूजनोे  व बुजुर्गों  का है लेकिन  आज का युवा वर्ग  उनके नजदीक  न जाकर  अपने ही जाल-संजाल-इण्टरनैट-फोन-फेसबुक में धंसता चला जा रहा है। समाज में  युवा छात्र वर्ग  को जीवन  के प्रति सही मार्ग दिखाने का काम इस प्रकार के प्रेरक आयोजनों  के माध्यम से किया जा सकता है। 
डाॅ. अन्जू द्वारा ‘पहल’ नामक छोटी फिल्म दिखवा कर युवा वर्ग को जीवन में आने वाली समस्याओं  व उन पर सफलता प्राप्त करने हेतु आत्मबल की आवश्यकता पर बल दिया। 
विधिक सेवा प्रकोष्ठ प्रभारी डाॅ. वीरेन्द्र सिंह ने विद्यार्थियों को प्रेरणा देने हेतु ‘पिंक पिक्चर भी दिखाई जिसकी  सराहना विद्यार्थियों में चर्चा का विषय बनी। इस अवसर पर डाॅ. बहादुर सिंह ने भी अपने विचार व्यक्त करते हुए ‘प्रकोष्ठ की इस पहल को एक क्रान्तिकारी कदम बताया। अन्त में डाॅ. वीरेन्द्र सिंह द्वारा सभी का धन्यवाद किया व मुख्यवक्ता को सम्मानित किया गया। 
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