लाक डाऊन का उल्‍लंघन पड़ेगा महंगा, हो सकती है सजा व जुर्माना

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यमुनानगर। आपदा प्रबधन अधिनियम की धारा 51 के तहत जो लाक डाऊन का उल्लघंन करेंगा तो उसके खिलाफ कानूनी कार्यवाही की जाएगी जिसके तहत एक वर्ष की सजा व जुर्माना या दोनों हो सकते हैं। इसके अलावा भारतीय दण्ड सहिता की धारा-188 के तहत भी 6 महीने की सजा, जुर्माना या दोनों हो सकते हैं। यह कहना है जिलाधीश मुकुल कुमार का।
उन्होंने प्रवासी मजदूरों से आग्रह किया है कि जिला में जो प्रवासी मजदूर जहां है वहीं रहे। उन्होंने पूरे देश में कोरोना वारयस से बचाव के लिए लागू लॉक डाउन में सभी से सहयोग देने की अपील की है। उन्होंने कहा कि फैक्ट्रियों व अन्य निर्माण कार्य बंद होने के कारण बहुत से मजदूर अपने पैतृक क्षेत्रों एवं गांवों की ओर जाने के लिए आतूर हैं। यह नियमों के खिलाफ है और लाक डाऊन के नियमों व सामाजिक दूरी बनाए रखने के नियमों की अवहेलना है। अत: प्रवासी मजदूर जहां हैं वहीं रहें। उन्होंने कहा कि केन्द्र सरकार ने सरक्यूलेशन जारी किया है जिसमें कहा गया है कि कोई भी मकान मालिक एक महीने का किराया अभी नहीं ले सकता और न ही मकान खाली करवा सकता है। उन्होंने कहा कि औद्योगिक विभाग मजदूरों का वेतन समय पर दिलवाने के ठोस कदम उठाएं और निर्माण कार्यों से सम्बन्धित ठेकेदार लेबर को जहां हैं वहीं पर रखें और उनका किसी भी सूरत में वेतन न काटें और उन्हें समय पर पूरा वेतन दें।
उन्‍होंंने कहा कि आपदा प्रबंधन अधिनियम की धारा 10(2) के तहत उक्त बारे गृह कार्य मंत्रालय ने आदेश जारी किए हैं ताकि कोविड-19 की बीमारी को फैलने से रोका जा सके। उन्होंने जिला प्रशासन के सभी अधिकारियों को निर्देश दिए हैं कि जो प्रवासी मजदूर जिस फैक्ट्ररी में काम कर रहे हैं उनको वहीं पर रहने की व्यवस्था की जाए ताकि कोरोना वायरस की बीमारी पर रोक लगाई जा सके। इन आदेशों की जो उल्लंधना करेगा उसके विरूद्घ नियमानुसार कार्यवाही भी की जाएगी। उन्होंने कहा कि लॉक डाऊन होने के कारण पब्लिक ट्रांसपोर्ट को पूर्ण रूप से बंद कर दिया गया है। इसलिए सभी प्रवासी मजदूरों से अपील है कि वे जहां पर रह रहे हैं वहीं पर रहें और उनके खाने पीने की हर प्रकार से व्यवस्था की जाएगी। इसके अलावा जिला में बनाए गए दर्जन से भी अधिक सैल्टर हाऊसों/रिलिफ हाऊसों में लोगों व लेबर के लिए हर प्रकार से खाने-पीने, रहने आदि की व्यवस्था की गई है।

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