यमुनानगर। उपायुक्त गिरीश अरोड़ा ने जिला सचिवालय के सभागार में विशेष वृक्षारोपण अभियान को लेकर अधिकारियों व स्वयं सेवी संस्थाओं के प्रतिनिधियों की बैठक ली। इस बैठक में अतिरिक्त उपायुक्त केके भादू, जिला राजस्व अधिकारी हरिओम बिश्रोई, जिला शिक्षा अधिकारी आनंद चौधरी, जिला वन अधिकारी व रैड क्रास सचिव सहित अन्य अधिकारी भी उपस्थित थे।
उपायुक्त ने कहा कि ग्रामीण व शहरी क्षेत्रों के स्कूलों में विशेष वृक्षारोपण अभियान 10 जुलाई से 15 अगस्त तक चलाया जाएगा। उन्होंने जिला शिक्षा अधिकारी को निर्देश दिए कि जिला के सभी स्कूलों में फलदार 51884 पौधे लगाने का लक्ष्य रखा गया है। इस लक्ष्य से अधिक पौधे लगवाए व जिनते भी पौधे लगाए जाए उनकों जिंदा रखे। उन्होंने कहा कि अधिक से अधिक पौधे लगाए ताकि पर्यावरण को स्वच्छ बनाया जा सके। उन्होंने कहा कि पर्यावरण की रक्षा के लिए पौधों का अधिक से अधिक मात्रा में रोपित करना समय की मांग है, क्योंकि पर्यावरण स्वच्छता जरूरी है।
श्री अरोड़ा ने कहा कि प्रदेश में हर घर हरियाली योजना के तहत प्रत्येक घर को हरा-भरा बनाने हेतू मात्र एक से पांच रूपये की रियायती दर पर पौधे उपलब्ध करवाए जाते हैं। इसी योजना के तहत बहुउद्देशीय देशी प्रजातियों जैसे नीम, आम, जामुन, बिलपत्र, अमरूद, आंवला, हरड़, बहेडा, तुन, शहतूत, लसौंडा, बेरी, शीशम आदि के रोपण आदि पर बल दिया जा रहा है। उन्होंने बताया कि वन चेतना के माध्यम से आम लोगों में पौधा रोपण व उसके संरक्षण के बारे जागरूकता अभियान सफलतापूर्वक क्रियान्वित किए जा रहे हैं। आम लोगों विशेषकर युवा, महिलाओं व स्कूली बच्चों में प्राकृतिक एवं सांस्कृतिक विरासत को जानने के लिए प्राकृति शिक्षा एवं जागरूकता अभियान की सभी जिलों में शुरूआत की गई है। उपायुक्त ने बताया कि कृषि वानिकी को बढ़ावा देने के उद्देश्य से किसानों के खेतों में उन्नत किस्म के क्लोनल पौधों का रोपण किया जाता है व अनुसूचित जाति के लोगों की भूमि में उन्नत किस्म के फलदार पौधों का मुफ्त पौधारोपण करवाया जाता है। इसके साथ-साथ खेती की जमीन को सेम से बचाने हेतू विशेष वृक्षारोपण कार्यक्रम चलाया जाता है। अब पौधे लगाने का सबसे अच्छा समय है। उन्होंने बताया कि प्रदूषण कम करने हेतू राष्ट्रीय/राज्य राजमार्गों पर साथ लगती किसानों की जमीन पर भी वृक्षारोपण किया जाता है व पर्यावरण संरक्षण एवं पंचायतों की आमदनी को बढ़ाने हेतू पंचायती भूमि पर वृक्ष रोपित किए जाते हैं
गिरीश अरोड़ा ने बताया कि शिवालिक एवं अरावली की पहाडिय़ों मेंं भू व जल संरक्षण हेतू जल भण्डारण बांधों का निर्माण किया गया है और औषधीय पौधों के प्रति जागरूकता के लिए सभी जिला में औषधीय उद्यानों की स्थापना की गई है। इसके साथ-साथ वन्य जीव-जन्तुओं के संरक्षण एवं प्रजनन हेतू उनके वास स्थल में सुधार कार्य कर बेहतर वातावरण के प्रयास किए जा रहे हैं। उन्होंने लोगों से अपील की कि सभी मिलकर वनों के संरक्षण व संवर्धन में भागीदार बने तथा प्रदेश को हरा-भरा बनाने एवं प्रदूषण मुक्त रखने हेतू यथासंभव सहयोग दे।
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