सरकार खेलों में राजनीति कर ओच्छी मानसिकता का दे रही परिचय : दिलबाग सिंह

खिलाड़ी अपने कोच लखविंदर सिंह के साथ पूर्व विधायक दिलबाग सिंह से मिलते हुए
खिलाड़ी अपने कोच लखविंदर सिंह के साथ पूर्व विधायक दिलबाग सिंह से मिलते हुए
यमुनानगर। इनेलो के पूर्व विधायक दिलबाग सिंह ने खेलों के प्रति अपनी रुचि के चलते अपने कार्यालय के साथ ही एक खेल स्टेडियम बना रखा है। जहां छोटे-छोटे बच्चों को विभिन्न प्रकार के खेल खेलते अक्सर देखा जा सकता है। खिलाड़ी भी भरपूर मेहनत कर जिला व राज्य स्तरीय खेल प्रतिस्पर्धा में हिस्सा ले मेडल जीत कर लाते हैं। इसी कड़ी में खिलाड़ी अपने कोच लखविंदर सिंह के साथ पूर्व विधायक दिलबाग सिंह को मिलने पहुंचे। उन्होंने बताया कि थर्ड मिशन ओलंपिक नेशनल गेम्स बागपत में संपन्न हुई बॉक्सिंग प्रतिस्पर्धा बॉक्सर खिलाड़ी कार्तिक गोल्ड मेडल जीत कर लाया, जिस पर दिलबाग सिंह गदगद हो उठे। पूर्व विधायक दिलबाग ने खिलाडिओं से रूबरू होते हुए कहा की खेलों का विकास नर्सरी से ही राष्ट्रीय और अंतरास्ट्रीय सुविधा मुहैया करवाने से हो सकता है जिसमे रहने खाने, कुशल डॉक्टरों के साथ प्रशिक्षको का प्रबन्ध सरकार द्वारा किया जाना चाहिए।
पूर्व विधायक दिलबाग ने कहा की वर्ष 2001 में इनेलो की ओमप्रकाश चौटाला सरकार के कार्यकाल में बनाई गई खेल निति को पहले कांग्रेस और अब भाजपा सरकार अपने राजनितिक और निजी स्वार्थ के कारण बार-बार बदल कर खिलाडियों के मनोबल को गिराने का काम किया है। अब तक सरकार द्वारा खिलाडियों के लिए सही बीमा नीति भी लागु नही की गई है और नशे की रोकथाम के लिए भी सरकार द्वारा कोई विशेष प्रावधान लागु नही किया गया है। जिससे खिलाडियों को नुकसान हो रहा है। खिलाडियों की इनाम राशि से जो आयकर कटता है उसका भी सरकार द्वारा भुगतान किया जाना चहिये। इनेलो उन्होंने कहा की सरकार द्वारा बनाई गई खेल निति में खिलाडी का शुरू से आखिर तक सुविधाओं का प्रावधान है जिसकी अब अनदेखी की जा रही है। इतना ही नही 1989 में चौधरी देवीलाल ने कुश्ती को राज्य खेल घोषित किया था, जिसकी भी अनदेखी राज्य सरकार द्वारा की जा रही है।
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