#यमुनानगर_हलचल। उत्तराखण्ड सरकार, हरियाणा सरकार व उत्तर प्रदेश सरकार ने विश्व व्यापी महामारी कोविड-19 संक्रमण के कारण इस वर्ष श्रावण मास में आयोजित होने वाले कावड़ मेला-2020 एवं कावड़ यात्रा को स्थगित किए जाने का निर्णय लिया है।
यह जानकारी उपायुक्त मुकुल कुमार ने पंचायत भवन में आयाजित जिला के अधिकारियों, कावड़ यात्रा से सम्बंधित धार्मिक एवं सामाजिक संस्थाओं के प्रतिनिधियों की बैठक में दी। इस अवसर पर पुलिस अधीक्षक कमलदीप गोयल, जगाधरी के एसडीएम दर्शन कुमार, डीएसपी सुभाष चंद, जिला विकास एवं पंचायत अधिकारी शंकर लाल गोयल, जिला राजस्व अधिकारी अभिषेक सहित अन्य विभागों के अधिकारी, गीता भवन से जितेन्द्र शर्मा, कावड़ शिविर परवालों के मंगत राम, शिव कावड़ जगाधरी के अनुज शर्मा, शिव सेवा शिविर तेजली के पवन कुमार, शिव शक्ति कावड़ सेवा संघ के रमन कालड़ा, शिव कावड़ संघ मलिकपुर के सतपाल सहित अन्य धार्मिक एवं सामाजिक संस्थाओं के प्रतिनिधि उपस्थित थे।
बैठक में उपायुक्त मुकुल कुमार ने सभी का आह्वान किया कि नोवल कोरोना वायरस कोविड-19 की महामारी के चलते इस वर्ष कावड़ यात्रा पर पूर्ण रूप से प्रतिबंध रहेगा। उन्होंने कहा कि पिछले महीने हरिद्वार में उत्तराखण्ड सरकार, उत्तरप्रदेश सरकार व हरियाणा सरकार की एक उच्च स्तरीय बैठक आयोजित हुई थी जिसमें जन हित में यह फैसला लिया गया था कि कोविड-19 के चलते इस वर्ष हरिद्वार में श्रावण मेला आयोजित नही होगा और न ही कावड़ यात्रा चलेगी। उन्होंने बैठक में उपस्थित सभी अधिकारियों व धार्मिक एवं सामाजिक संस्थाओं के प्रतिनिधियों से अनुरोध किया कि वे सभी व्यक्तियों को जागरूक करें कि कोई भी इस बार हरिद्वार कावड़ लेने यात्रा पर न जाए। उन्होंने कहा कि इसके बारे में हरियाणा सरकार का आदेश भी आ चुका है कि इस बार कावड़ यात्रा नहीं होगी। उन्होंने कहा कि जो भी हरिद्वार कावड़ लेने जाएगा तो वहां पर उत्तराखण्ड सरकार द्वारा कानूनी कार्यवाही की जाएगी और वहां पर 14 दिन के लिए क्वारंटिन रहना पड़ेगा। उन्होंने दुकानदारों का भी आह्वïान किया है कि वे कावड़ यात्रा से सम्बंधित कोई भी सामान किसी भी व्यक्ति को न बेचे। उन्होंने स्पष्टï किया कि कोरोना वायरस महामारी के चलते रात्रि 10 बजे से सुबह 5 बजे तक कफ्र्यू है और एक राज्य से दूसरे राज्य में जाने व वापिस आने के बाद नियमों के अनुसार हर व्यक्ति को 14 दिन के लिए क्वारंटिन होना जरूरी है व क्वारंटिन होने का खर्चा भी स्वयं देना होगा। अत: किसी भी हालत में कावड़ यात्रा नहीं होगी और कोई भी कावड़ यात्रा पर न जाए। यदि कोई जाएगा तो उसके विरूद्घ नियमानुसार कानूनी कार्यवाही की जाएगी।
बैठक में पुलिस अधीक्षक कमलदीप गोयल ने कहा कि पुलिस प्रशासन सभी धार्मिक एवं सामाजिक संस्थाओं के प्रतिनिधियों से सहयोग की कामना करता है। अत: सभी लोगों को समझाए कि कोई भी कावड़ यात्रा पर न जाए। उन्होंने कहा कि आम जनता की सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए तीन राज्यों- उत्तराखण्ड, उत्तरप्रदेश व हरियाणा की सरकारों ने यह अहम फैसला लिया है। उन्होंने कहा कि कोविड-19 के केस सभी जिलों व सभी प्रांतों में बढ़ते जा रहे है। इस स्थिति को ध्यान में रखते हुए इस वर्ष कावड़ यात्रा पूर्ण रूप से प्रतिबंधित रहेंगी। उन्होंने बैठक में उपस्थित सभी लोगों से अपील की है कि वे आम जन को अपने स्तर पर जागरूक करें कि कोई भी कावड़ यात्रा पर न जाए। उन्होंने स्पष्टï किया कि यदि कोई कावड़ यात्रा पर जाएगा तो उसके जाने व वापिस आने पर 14 दिन के लिए क्वारंटिन किया जाएगा और इसका सारा खर्चा भी सम्बंधित व्यक्ति से लिया जाएगा तथा कानूनी कार्यवाही भी की जाएगी। उन्होंने कहा कि जिला यमुनानगर में भी पुलिस द्वारा सख्ती बरती जाएगी, क्योंकि आम जनता की सुरक्षा सर्वोपरि है। अत: कोई व्यक्ति एवं संस्था कावड़ शिविर न लगाए और कोई ऐसा कार्य न करें जिससे जिला प्रशासन को आपत्ति हो। उन्होंने सभी का आह्वïान किया कि आम जनता को संदेश दें कि कोई भी कावड़ लेने कावड़ यात्रा पर न जाए।
उप पुलिस अधीक्षक सुभाष चंद ने बैठक में कहा कि कोई भी दुकानदार किसी भी व्यक्ति को डीजे किराए पर न दें और जो व्यक्ति किसी व्यक्ति को किराए पर डीजे देगा तो उसके विरूद्घ कानूनी कार्यवाही की जाएगी।
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