यमुनानगर। समस्त भारतीय संस्कार श्रीरामचरितमानस में निहित हैं। मर्यादा पुरुषोत्तम श्रीराम की सुखदायी लीला सांसारिक भाईचारे का संदेश देती है। यह बात श्रीराम कला मंदिर करेड़ा खुर्द के क्लब प्रधान अशोक मानिकटाहला ने रामलीला में बतौर मुख्य अतिथि शिरकत करते हुए कही। उन्होंने कहा कि प्रभु के आशीष से इस रामलीला में सर्व धर्म समभाव की झलक मिलती है। यह गांव करेड़ा खुर्द की खुशनसीबी है कि हिंदू, सिख, ईसाई व मुस्लिम धर्म के समस्त कलाकार रामायण के विभिन्न पात्रों की भूमिका को बेहद संजीदगी से करने में माहिर हैं।
इस दौरान प्रधान अशोक मानिकटाहला ने प्रभु चरणों में 11000 /- रूपये की सेवा भेंट की। लीला से पूर्व प्रभु श्रीराम की आरती की गई। आज चौथे दिन राम वनवास के मंचन में कलाकारों ने श्रद्धालुओं को प्रभु राम की पितृभक्ति व त्याग के बारे में बताया। राम वनवास के दृश्य देखकर मौजूद दर्शक भावविभोर हो गए। मंचन में दिखलाया गया कि जब पुरुषोत्तम श्रीराम को अयोध्या का राजा बनाने की घोषणा होती है तो साकेतवासी बहुत खुश थे। चारों ओर हर्ष का माहौल था। यह देख दासी मन्थरा ने रानी कैकेयी को भरत को राजा बनाने के लिए कहा। पहले तो कैकेयी ने मना कर दिया पर बाद में मन्थरा ने उसे अपनी बातों के मकड़जाल में उलझा लिया। मन्थरा ने कैकेयी को राजा दशरथ द्वारा दिए गए दो वचनों की याद दिलाई ।
तब राजा दशरथ कैकेयी के समीप गए तो कैकेयी ने दो वचन देने को कहा। उसने पहले वचन में दशरथनन्दन राम के लिए 14 वर्ष का वनवास और दूसरे वचन में भरत के लिए राज्याभिषेक माँगा। राजा दशरथ वचनों से बंधकर राम को वनवास तथा भरत को राजा बनाने की घोषणा करते हैं। ये सुनकर अयोध्या में मायूसी छा जाती है। श्रीराम पिता दशरथ व माता कौशल्या से वन जाने की आज्ञा लेकर वन की ओर प्रस्थान कर गए और यति लक्ष्मण तथा जनकदुलारी सीता ने भी प्रभु श्रीराम जी के साथ कानन की ओर गमन किया। राम वनवास के इस सजीव मंचन ने दर्शकों का मन मोह लिया। श्रीराम का रोल पारस मानिकटाहला, सीता का पंकज , लक्ष्मण का राकेश कश्यप, कैकेयी का राजू मिगलानी, मन्थरा का अशोक सैनी, वशिष्ठ का मोहित शर्मा, सुमन्त का कमलजीत ने बेहद संजीदगी से करते हुए अपने किरदारों को जीवंत कर दिया। इस मौके पर पूर्व सरपंच अनिल शर्मा, डायरेक्टर मदन शर्मा, योगी ग्रोवर, कमलजीत, नीरज मानिकटाहला, चैतन्य, अतिरेक मसीह, अदरीस अहमद, हरबंस मक्कड़, मिंदी मक्कड़, रामकुमार, पप्पी मक्कड़, कमलजीत, किशोर शर्मा, राजू खरबंदा, मंगा मक्कड़ आदि मौजूद थे।