यमुनानगर (रादौर)। भारी वाहनों की आवाजाही से पश्चिमी यमुना नहर के कांजनू पुल में दरारे आ गई है। जिससे पुल के आस्तित्व को खतरा पैदा हो गया है। आज सुबह जब गांव कांजनु के लोगों ने पुल के ऊपर दरारे देखी तो गांव के लोग सन्न रह गए। गांव के लोगों ने मामले की सूचना प्रशासन के अधिकारियों को दी। लेकिन दोपहर तक भी प्रशासन की ओर से कोई अधिकारी व कर्मचारी मामले को लेकर मौके पर नहीं पहुंचा था। जिससे गुस्सााएं लोगों ने जमकर सरकार व प्रशासन के विरूद्ध नारेबाजी की।
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ग्रामीणों ने सरकार व प्रशासन से कांजनू पुल पर भारी वाहनों की आवाजावी बंद करने की मांग करते हुए पुल मेें पडी दरारों के मामलों की जांच करने का आग्रह किया। गांव कांजनू निवासी जयप्रकाश कांबोज, रोशनलाल, शिवकुमार, पवन कुमार सरपंच कांजनू, साहबसिंह, अखिल कांबोज, सचिन, विनीत, गगन, कमल, ईश्वर, राजीव, बिटटू, अशोक, मानसिंह, रमेश, बाबुराम आदि ने बताया कि जब से सरकार ने रेत खनन का कार्य शुरू करवाया है, तब से कांजनू पुल के ऊपर से प्रतिदिन सैकडों की संख्या में ओवरलोडिड वाहन गुजर रहे है। ओवरलोडिड वाहनों से कुछ वर्षों पहले बनाया गया कांजनू गांव के पुल में जगह जगह दरारे पड गई है। प्रशासन के अधिकारियों की मिलीभगती से ओवरलोडिड वाहन सडकों पर दौड रहे है। पुल पर दरारे पडने से पुल कभी भी ढह सकता है। लेकिन प्रशासन के अधिकारी कुंभकर्णी नींद सोए हुए है। गांव के लोगों ने प्रशासन के अधिकारियों को चेतावनी देते हुए कहा कि यदि कांजनू पुल के ऊपर से ओवरलोडिड वाहन चलाना बंद नहीं किया गया तो गांव के लोग ओवरलोडिड वाहनों को पुल से ऊपर से गुजरने नहीं देंगे। जिसके लिए सरकार व प्रशासन के अधिकारी जिम्मेवार होंगे।
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ग्रामीणों ने सरकार व प्रशासन से कांजनू पुल पर भारी वाहनों की आवाजावी बंद करने की मांग करते हुए पुल मेें पडी दरारों के मामलों की जांच करने का आग्रह किया। गांव कांजनू निवासी जयप्रकाश कांबोज, रोशनलाल, शिवकुमार, पवन कुमार सरपंच कांजनू, साहबसिंह, अखिल कांबोज, सचिन, विनीत, गगन, कमल, ईश्वर, राजीव, बिटटू, अशोक, मानसिंह, रमेश, बाबुराम आदि ने बताया कि जब से सरकार ने रेत खनन का कार्य शुरू करवाया है, तब से कांजनू पुल के ऊपर से प्रतिदिन सैकडों की संख्या में ओवरलोडिड वाहन गुजर रहे है। ओवरलोडिड वाहनों से कुछ वर्षों पहले बनाया गया कांजनू गांव के पुल में जगह जगह दरारे पड गई है। प्रशासन के अधिकारियों की मिलीभगती से ओवरलोडिड वाहन सडकों पर दौड रहे है। पुल पर दरारे पडने से पुल कभी भी ढह सकता है। लेकिन प्रशासन के अधिकारी कुंभकर्णी नींद सोए हुए है। गांव के लोगों ने प्रशासन के अधिकारियों को चेतावनी देते हुए कहा कि यदि कांजनू पुल के ऊपर से ओवरलोडिड वाहन चलाना बंद नहीं किया गया तो गांव के लोग ओवरलोडिड वाहनों को पुल से ऊपर से गुजरने नहीं देंगे। जिसके लिए सरकार व प्रशासन के अधिकारी जिम्मेवार होंगे।
10 वर्ष पहले बनाया गया था कांजनू गांव का पुल
कांबोज सभा रादौर के कोषाध्यक्ष जयप्रकाश कांजनू व अखिल कांबोज ने बताया कि लगभग 10 वर्ष पहले पश्चिमी यमुनानहर का कांजनू पुल बनाया गया था। यह पुल रादौर क्षेत्र को खादर व यूपी से जोडता है। यह पुल क्षेत्र की जीवन रेखा है। पुल के कारण ही लगभग 30 गांव रादौर क्षेत्र से जुडे हुए है। इससे पहले बना पुराना पुल अंग्रेजों द्वारा लगभग 100 वर्ष पहले बनाया गया था। पुल खस्ता हाल में पहुंचने के बाद नया पुल लगभग 10 वर्ष पहले सरकार द्वारा लगभग 7 करोड रूपए की लागत से बनाया गया था। पुल का इस्तेमाल लोग अपने खेतों में जाने व दूसरे गांव जाने के लिए इस्तेमाल करते है। ऐसे में यदि पुल में दरारे पडने के बाद पुल खस्ता हाल हुआ तो यह क्षेत्र के लोगों के लिए बहुत बडी चिंता का विषय है। सरकार को इस बारे ठोस कदम उठाने चाहिए। वहीं पुल के दोनों ओर बैराकिट लगाकर पुल से भारी वाहनों की आवाजावी पूरी तरह से बंद की जानी चाहिए।