हिसार हलचल। कोरोना काल में विद्यार्थियों के शिक्षा ग्रहण करने के अनुभवों को जानने के लिए जिला हिसार में एक अनूठा प्रयोग किया गया। ईपीटीएम के तहत हिसार जिला के सभी खंडों में 98 हजार 462 विद्यार्थियों और अभिभावकों से ऑनलाइन बात की गई।
उपायुक्त डॉ. प्रियंका सोनी के दिशा निर्देशों के अनुसार मुख्यमंत्री सुशासन सहयोगी दीप ठक्कर व डाईट मात्रश्याम की ओर से इस दौरान 28 प्रशनों की एक विस्तृत प्रशनावली तैयार की गई थी, जिन पर एक-एक करके प्रतिक्रियाएं ली गई। इस अध्य्यन में यह निकलकर आया कि 82 प्रतिशत विद्यार्थियों के पास ई-लर्निंग के लिए एंड्रायड फोन उपलब्ध हैं।
लगभग 95 प्रतिशत विद्यार्थियों के पास शिक्षा मित्र उपलब्ध हैं। 40 प्रतिशत बच्चों को जरूरत पडऩे पर तुरंत शिक्षा मित्र उपलब्ध हो जाते हैं। 45 प्रतिशत को 2 घंटे से कम समय में शिक्षा मित्र उपलब्ध होते हैं तथा 14 प्रतिशत विद्यार्थियों ने बताया कि कभी उनके पास शिक्षा मित्र उपलब्ध होते हैं कभी नहीं। अध्यन में यह सामने आया कि 61 प्रतिशत विद्यार्थी घर से पढ़ाओ अभियान में उत्साह के साथ सिख रहे हैं। लगभग 47 प्रतिशत अभिभावक घर से पढ़ाओ अभियान से पुरी तरह से तथा 30 प्रतिशत कुछ हद तक सतुंष्टï हैं, जबकि 23 प्रतिशत अभिभावक अभियान से संतुष्ट नहीं है।
54 प्रतिशत विद्यार्थी नियमित रूप से तथा 42 प्रतिशत विद्यार्थी अनियमित रूप से घर से पढ़ाओ क्वीज में हिस्सा लेते हैं। अनियमित रूप से हिस्सा लेने का प्रमुख कारण इंटरनेट कनैक्शन तथा एंड्रायड फोन की उपलब्धता न होना है। अध्यन में निकलकर आया कि 60 प्रतिशत विद्यार्थी एजूसेट पर पढ़ाई संबंधी कार्यक्रम देख रहे हैं। 21 प्रतिशत विद्यार्थियों को अध्यापकों द्वारा भेजी गई शिक्षण सामग्री या ग्रह कार्य करने में दिक्कत महसूस हो रही है।
ज्यादी परेशानी अंग्रेजी व गणित विषय में होती है। 89 प्रतिशत अभिभावकों ने यह कहा है कि आवश्यक सावधानियां बरते जाने पर वे अपने बच्चों को स्कूल भेजने के लिए तैयार हैं। लगभग 56 प्रतिशत विद्यार्थियों ने या उनके शिक्षा मित्र ने हरियाणा शिक्षा विभाग द्वारा बनाए गए अवसर एप को इंस्टाल कर लिया है लेकिन केवल 20 प्रतिशत विद्यार्थी ही अवसर एप का इस्तेमाल पढ़ाई के लिए करते हैं।