देशभक्ति की भावना हमारे रक्त एवं जीवन में संचरित होनी चाहिए : डॉ उज्ज्वल शर्मा 

यमुनानगर। 15 अगस्त 1947 को आजादी दिलवाने वाले शहीदों को श्रद़धाजंलि देने तथा उनकी शहादत को सही मायनों में सुरक्षित रखने के उद़देश्य से हिन्दू गलर्ज कॉलेज, जगाधरी में 72वां स्वतन्त्राता दिवस बड़ी धूमधाम से मनाया गया। समारोह में मुख्य अतिथि डॉ प्रमोद वधावन सेवानिवृत प्राध्यापिका ने तिरंगा फहराकर राष्टगान के साथ तिरंगे को सलामी दी तथा तिरंगे के प्रति सम्मान व्यक्त किया।
सम्पूर्ण वातावरण ‘वन्दे मातरम’ तथा देशभक्ति के गीतों से गूँज उठा। कॉलेज छात्राओं ने देशभक्ति के गीतों तथा नृत्य प्रस्तुति से सम्पूर्ण वातावरण को देशभक्ति की भावना से सराबोर कर दिया। कॉलेज प्राचार्या डॉ उज्ज्वल शर्मा ने उपस्थित सदस्यों व छात्राओं को सम्बोधित करते हुए कहा कि देशभक्ति की भावना हमारे रक्त एवं जीवन में संचरित होनी चाहिए। आज
आजादी के 71 साल पूर्ण होने के बाद भी हम जात-ंपात, ऊँच-ंनीच, अमीरी-ंगरीबी, भ्रष्टाचार, बेरोजगारी तथा किसान, मजदूर समस्याओं में उलझे है।
हम धर्म की सही पहचान से कोसों दूर होकर धर्म संकीर्णता में उलझे रहे है। तिरंगे के तीन रंगों की महत्ता को रेखांकित करते हुए प्राचार्या ने देशभक्ति को सर्वोपरि धर्म स्वीकार किया। उन्होंने कहा कि देश के वीर नौजवान जो हमारी सुरक्षा में डटे रहे, उन आजादी के दीवानों का लक्ष्य सिर्फ अंग्रेजों की गुलामी से ही मुक्ति पाना नहीं था, बल्कि वे आजादी को समग्र रूप से भी पाना चाहते थे। कालेज की एन सी सी केड्ट्स ने कॉलेज परिसर में मार्चपास्ट एवं गायन से सभी को भाव विभोर कर दिया। मुख्य अतिथि ने छात्राओं को सम्बोधित करते हुए कहा कि यह स्वतन्त्राता दिवस जो हमें स्वतंत्रता सेनानियों की कुर्बानियों के उपरान्त मिला है, यह स्वतन्त्रता दिवस तभी सफल हो सकता है जब साम्प्रदायिकता से मुक्त होकर हम देश की एकता, अखण्डता, भाईचारे की भावना को कायम रखने के लिए कटिबद्व होगें। आज हमारादेश काफी हद तक हर क्षेत्रा में उन्नति कर अपने- सपने को पूरा कर रहा है। परन्तु बहुत से कार्य अभी भी बाकी है।

 

Previous articleइंक़लाब मंदिर में जिन्दा है शहीदों की याद…
Next articleस्वतंत्रता दिवस का हमारे जीवन में बहुत ही महत्व है : भूपेंद्र राणा