यमुनानगर। कोरोना के चलते ईएसआई अस्पताल जगाधरी जिला यमुनानगर में प्रशासन व आईएमए के सहयोग से एक उच्च स्तरीय वैकल्पिक अस्पताल तैयार कर दिया गया है। यह अस्पताल बनकर तैयार हो चुका है और इस अस्पताल को युद्ध स्तर पर आठ दिनों में तैयार किया गया है। हरियाणा के शिक्षा मंत्री कंवर पाल द्वारा ने ईएसआई अस्पताल में बने कोरोना उच्च स्तरीय वैकल्पिक अस्पताल का दौरा किया तथा व्यवस्था का निरीक्षण किया। उनके साथ सिविल सर्जन डॉ.विजय दहिया, चिकित्सा अधीक्षक डॉ. निशा बंसल, डॉ. अनूप गोयल, डॉ. वागीश गुटैन, डॉ. पुनित कालडा, डॉ. चारू कालडा, डॉ.योगेश जिन्दल, डॉ. लोकेश गर्ग, डॉ. विक्रम भारती, डा. रितु मग्गो, डॉ. धीरेन्द्र सोनी उपस्थित थे।
शिक्षा मंत्री कंवरपाल ने कहा कि प्रशासन व स्वास्थ्य विभाग यमुनानगर कोरोना की जंग के लिये तैयार है। उन्होंने कहा कि कोरोना एक महामारी है तथा कोई भी इसे किसी धर्म विशेष से ना जोडे। उन्होंने सभी से अपील की है कि सभी सरकार व प्रशासन के दिशा निर्देशों का पालन करें तथा जल्द से जल्द महामारी की रोकथाम में सहयोग करें। उन्होंने कहा कि यह पहली बार देखा गया है कि प्रशासन से अधिक आम जन ने स्वयं ही महामारी के खिलाफ प्रयास किया है तथा सामाजिक दूरी को अपनाया है। उन्होंने कहा कि पुलिस विभाग तो अपना कार्य कर ही रहा है परन्तु आमजन घरों पर रह कर प्रशासन का सहयोग कर रहे हैं। भगवान का शुक्र है कि फिलहाल जिला यमुनानगर में कोई भी व्यक्ति कोरोना से ग्रस्त नहीं पाया गया है और वे आशा करते हैं कि आगे भी ऐसा ही रहे।
इस अवसर पर सिविल सर्जन डॉ.विजय दहिया ने जानकारी देते हुए बताया कि ईएसआई में बने वैकल्पिक अस्पताल में 16 बिस्तरीय वैकल्पिक उच्च स्तरीय अस्पताल का प्रबंधन किया गया है, जिसमें केन्द्रीय ऑक्सीजन व्यवस्था के साथ-साथ चार वैन्टीलेटर, मल्टीपेरा मोनिटर्स व 12 उच्च स्तरीय उपचार व्यवस्था के अनुरूप बिस्तर स्थापित किये गये हैं। इसके साथ ही अस्पताल की दूसरी मंजिल पर संदिग्ध मरीजों के लिये अलगाव वार्ड की व्यवस्था कर दी गयी है तथा साथ ही डॉक्टर, नर्स व अन्य कर्मचारियों के रहने का प्रबंध भी अलग से किया जायेगा। उन्होंने बताया कि यदि जिले में कोई व्यक्ति कोरोना से ग्रस्त पाया गया तो उसके उपचार में लगे सभी अधिकारियों व कर्मचारियों को भी अलगाव उपचार के तहत रखा जायेगा। इसके साथ ही यह निर्णय लिया गया है कि फलू की ओपीडी जो नागरिक अस्पताल यमुनानगर में चलाई जा रही थी वह भी कल से ईएसआई अस्पताल में ही चलाई जायेगी। ईएसआई अस्पताल के डॉक्टर अपने मरीजों को अब सिविल अस्पताल यमुनानगर में अपनी सेवायें देंगे तथा आवश्यकता पडने पर मरीजों को दाखिल भी सिविल अस्पताल यमुनानगर में ही किया जायेगा। ऐसे मरीजों के लिये ट्रॉमा सैन्टर में 20 बिस्तरों की अलग से व्यवस्था कर दी गई है। इस तरह से अब जिले के अस्पताल में सामान्य मरीजों के लिये तथा ईएसआई अस्पताल में फलू की साधारण जॉंच व आवश्यकता पडने पर गहन चिकित्सा के लिये संसाधन जूटा दिये गये हैं। यह व्यवस्था इस लिये की गई है कि फलू के मरीजों को दूसरे मरीजों से दूर रखा जा सके। डॉ.दहिया ने यह भी बताया कि हालांकि जिले में अभी तक कोई भी व्यक्ति कोरोना से ग्रस्त नही है परन्तु पास के जिलों में कोरोना से ग्रस्त मरीज मिले है तो हम किसी भी प्रकार की असावधानी नहीं बरत सकते। ऐसे समय पर बहुत जरूरी है कि सभी लोग अपने घरों पर रहें तथा समय-समय पर हाथ धोते रहें तथा गंदे हाथों से मुह, नाक व ऑंख को ना छूयें। उन्होंने कहा कि यह महामारी खूद किसी के घर तक नहीं आयेगी जब तक हम स्वयं उसे घर नहीं ले आते।
कोरोना के चलते शिक्षा मंत्री व सिविल सर्जन ने सभी जिलावासियों से अपील की है कि उनके सहयोग से ही कोरोना को हराया जा सकता है तथा हमारी थोडी सी लापरवाही के कारण अन्यों का नुकसान भी हो सकता है। अत: सभी अपने घर पर ही रहें तथा बच्चों को भी बाहर ना जाने दें।