यमुनानगर। उपायुक्त एवं जिला रैडक्रास सोसाईटी के प्रधान मुकुल कुमार ने बताया कि जिला सचिवालय के परिसर में कोरोना वायरस के कारण लाक डाउन के दौरान जिला में गरीब व जरूरतमंद परिवारों को खाने के सूखे राशन देने की श्रृंखला में यमुनानगर के समाजसेवी विकास ने तिरानवे हजार रूपये की लागत से 120 सूखे राशन के पैकेट जिला रैडक्रास समिति को दिए। इस मौके पर जगाधरी के एसडीएम दर्शन कुमार, नायब तहसीलदार ओम प्रकाश, रैडक्रास सचिव रनदीप सिंह, मौजूद रहे।
उपायुक्त एवं जिला रैडक्रास सोसाईटी के प्रधान मुकुल कुमार ने बताया कि जिला में कोविड-19 की महामारी के तहत 21 दिन के लॉकडाऊन के तहत गरीब परिवारों को राशन उपलब्ध करवाने के लिए सर्व कल्याण सेवा संस्थान द्वारा आर्दश नगर, मोती नगर, रामवेश्वर नगर में 65 खाने के पैकेट, नामधारी गुरूद्वारा ने पुराना हमीदा तथा नहर के साथ लगती झुग्गी झोपडी में 500 खाने के पैकेट वितरित किए। इसी प्रकार डॉ. इन्दू कपूर ने कूष्ठ आश्रम के साथ झुग्गी झोपडी सहारनपुर रोड में 30 खाने के पैकेट, रैडक्रास सोसाईटी द्वारा गरीब बस्ती, इंडस्ट्रीयल एरिया में 55 खाने के पैकेट, एक सोच नई सोच संस्था के माध्यम से गाबा हस्पताल के सामने झुग्गी झोपडी मेें 170 खाने के पैकेट, पढो लिखो बढो संस्था द्वारा गुलाब नगर जगाधरी में 50 खाने के पैकेट, पर्यावरण मित्र फांउडेशन द्वारा विश्वक्रर्मा कालोनी, पुलिश चौकी बुडिया चौक 100 खाने के पैकेट, रैडक्रास के आजीवन सदस्य संजय बक्सी द्वारा मशीह हस्पताल, क ृष्ण कालोनी, टैगोर गार्डन, माया पैलेस, संतोष हस्पताल, आजाद नगर चिटटा मंदिर के पास स्थ्ति झुग्गी झोपडी में 620 खाने के पैकेट वितरित किए। उन्होंने बताया कि उक्त संस्थाओं द्वारा 1590 खाने के पैके ट वितरित किए। इसी प्रकार रोटरी कल्ब रोविरा द्वारा कुष्ठ आश्रम सैक्टर-17 में 30 सूखे राशन के पैकेट वितरित किए जिसमें एक पैकेट में 2 किलोग्राम आटा, 2 किलोग्राम चावल, एक किलोगा्रम दाल, एक किलोग्राम चीनी, एक किलोग्राम नमक, 1 किलो प्याज व 2 किलोग्राम आलू उपलब्ध करवाई गई।
उपायुक्त एवं जिला रैडक्रास सोसाईटी के प्रधान मुकुल कुमार ने सभी धार्मिक संस्थाओं व सामाजिक संस्थाओं तथा समाज सेवियों से अपील की है कि कोई भी धनराशि इस कार्य के लिए रैडक्रास सोसाईटी में दान दी जा सकती है। इसके अलावा कोई भी बच्चों के बिस्कुट, दूध आदि उपलब्ध कराना चाहे तो वह रैडक्रास की जानकारी में देते हुए गरीब परिवारों को उपलब्ध करवा सकते हैं। इसके अतिरिक्त जो लोग सडक़ों पर रहते हैं व जिनका भोजन बनाने का कोई साधन नहीं है उन्हें बना बनाया भोजन भी पैकेटों में उपलब्ध करवाया जाएगा।