स्वास्थय विभाग आशा वर्कस द्वारा अर्बन व शहरी क्षेत्रों में किया गया स्‍वास्‍थ्‍य सर्वेक्षण

यमुनानगर। हरियाणा सरकार द्वारा चलाये जा रहे कार्यक्रम एन.सी.डी. के अन्तर्गत जनसंख्या आधारित जाँच कार्यक्रम पोपुलेषन बेस्ड स्क्रीनिंग कार्यक्रम में पिछले वर्ष स्वास्थय विभाग, यमुनानगर की आशवर्कस् के द्वारा गाँव-गाँव में घूम कर सभी गाँव वासियों का सर्वेक्षण किया गया तथा मापदण्डों के अनुसार उनकी ए.एन.एम. के द्वारा जाँच की गई तथा उपचार के लिये उच्च स्वास्थय संस्थानों में भेजा गया। इसी कार्यक्रम के चलते अब इस वर्ष यही कार्यक्रम जिला यमुनानगर के अर्बन क्षेत्रों में भी आरम्भ किया जा रहा है तथा इसी प्रकार आशा शहरी ईलाकों में भी जा कर सभी का सर्वेक्षण करेंगी तथा 30 वर्ष से अधिक के सभी व्यक्तियों की जाँच ए.एन.एम. द्वारा की जायेंगी। इसी कार्यक्रम के तहत आज दिनांक 2019 को डॉ. विजय दहिया, कार्यकारी सिविल सर्जन, यमुनानगर ने जिले की 35 आशा वर्कस् की 5 दिवसिय ट्रेनिंग का शुभारंभ शास्‍त्री कलोनी यमुनानगर मे स्थापित ट्रेनिंग सैटंर मे किया।  इस अवसर पर कार्यवाहक सिविल सर्जन, यमुनानगर डॉ. विजय दहिया ने कार्यक्रम के बारे में बताया की इस कार्यक्रम के चलते जिला यमुनानगर के सभी शहरी क्षेत्रों में कार्यक्रम को सूचारू रूप से चलाने के लिये आश वर्कस् को ट्रेनिंग दी जा रही है । तथा आज 35 आशा वर्कस् की 5 दिवसीय ट्रेनिंग का आरम्भ किया गया है। जिसमें उन्हें समझाया जायेगा कि उन्हे सभी घरों में जा कर परिवार के सभी सदस्यों का सर्वेक्षण करना है। तथा 30 वर्ष से अधिक के प्रति व्यक्ति की जॉंच करानी है। इस कार्यक्रम के तहत 5 प्रमुख गैर संचारी रोंगों की जाँच कर उनके निदान के लिये उच्च स्वास्थय केन्द्र में भेजना है। इसमें मुख्यतः उच्च रक्त चाप, मधुमेह अथवा डायबिटीज, गर्भाशय, मुँह का कैन्सर (सर्वाइकल कैन्सर), स्तन का कैन्सर व मुँह का कैन्सर हैं। डॉ. दहिया ने यह भी बताया की सर्वेक्षण में यदि किसी भी व्यक्ति में इन रोगों के लक्ष्ण पाये जाते हैं तो वह उस मरीज को सिविल अस्पताल, यमुनानगर या जगाधरी में भेजेंगी तथा यहाँ उनका पूर्ण रूप से ईलाज किया जायेगा। डॉ. विजय दहिया ने सभी आशा वर्कस को आदेश दिये है कि वह अपने क्षेत्र में सर्वेक्षण जल्द आरम्भ कर किसी भी संक्रमित व्यक्ति को अस्पताल भेजें जिससे कि उसका जल्द व पूर्ण ईलाज हो सके। डॉ. दहिया ने जानकारी देते हुये यह भी बताया की गैर संचारी रोग लम्बे समय तक रहने वाली बिमारियां होती हैं, इन बिमारियो पर काफी धन खर्च होता है व रोगी की अकस्मिक मृत्यु भी हो सकती है। अतः इन बिमारियो से बचने के लिए इन रोगो के बारे जागरूकता होनी अति आवश्‍यक है, जिससे इन बिमारियो से बचा जा सके। उन्होने कहा कि यदि आरम्भ में इन बिमारियों का पता चल जाये तो इन बिमारियों का पूर्ण ईलाज भी सम्भव है। अतः इस सर्वेक्षण द्वारा मरीजों की बिमारियों का आरम्भ में ही पता चल जायेगा और ईलाज सम्भव होगा। प्रशिक्षक डा. संगीता सांगवान व श्रीमति संतोष सैनी ने बताया कि आशा वर्कर के अलावा यह प्रशिक्षण सभी चिकित्सा अधिकारियो व पैरा मैडिकल स्टाफ को भी दिया जा रहा है। इस अवसर पर डा. कपिल कम्बोज, बोबेष पंजेटा, सूरज भान, हरपाल सिंह मौजूद रहे।

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