रादौर हलचल। हरियाणा सरकार के निर्देशो पर हरियाणा राज्य ग्रामीण आजीविका मिशन के तत्त्वाधान में स्वयं सहायता समूह से जुड़ी महिलाओं को आरनामेंटल व बायो-फ्लोक का 1० दिन का प्रशिक्षण दिलवाया गया। जिसके तहत महिलाओ ने एक्वेरियम बनाने की विधि व बायो-फ्लोक से मत्स्य उत्पादन की विस्तृत जानकारी ली। इस प्रशिक्षण के बाद महिलाओ को आत्मनिर्भर बनाने में मदद मिलेगी। प्रशिक्षण प्राप्त कर चुकी महिलाओ को एक कार्यक्रम के तहत प्रमाण पत्र वितरित किए गए। जिसमें सीईओ जिला परिषद हरियाणा ग्रामीण आजीविका मिशन नवीन आहुजा व जिला मत्स्य अधिकारी अजय सिन्हा ने बतौर मुख्यातिथि शिरकत की और महिलाओ को प्रमाण पत्र वितरित किए। इस दौरान मुख्यातिथि ने महिलाओ से आत्मनिर्भर बनने के लिए अथक प्रयास करने का भी आह्वान किया। कार्यक्रम की अध्यक्षता समूह की खंड प्रबंधक राजकुमारी ने की।
महिलााएं स्वयं का रोजगार स्थापित कर सकती है : इस अवसर पर सीईओ जिला परिषद नवीन आहुजा व जिला मत्स्य अधिकारी अजय सिन्हा ने अपने संबोधन में कहा कि जिन महिलाओ ने यह प्रशिक्षण प्राप्त कर लिया है अब यह महिलाएं न केवल खुद आत्मनिर्भर बनने के लिए प्रयास कर सकती है बल्कि अपने परिवार के अन्य सदस्यो व आसपास की अन्य महिलाओ को भी इस कार्य से जोडक़र अपना स्वयं का रोजगार स्थापित कर सकती है। महिलाएं अगर प्रयास करेगी तो वह इस कार्य से एक अच्छा बिजनेस शुरू कर सकती है। इससे उनकी कमाई तो अच्छी होगी ही वहीं वह अन्य को भी रोजगार देने का एक माध्यम बन सकेगी। खंड प्रबंधक राजकुमारी ने कहा कि आजीविका मिशन इस प्रकार के कार्यो को तेजी से आगे बढ़ा रहा है। जिससे क्षेत्र की सैंकड़ो महिलाओ को इस मिशन के माध्यम से रोजगार मिल रहा है। लेकिन अब आजीविका मिशन केवल संबंधित महिला के रोजगार तक सीमित नहीं रहना चाहता। उनका प्रयास है कि कोई ऐसा उद्योग स्थापित किया जाए जिससे एक ही जगह पर सैंकड़ो महिलाओ को रोजगार मिल सके। मौके पपर विजय बुबका भी मौजूद थे।