यमुनानगर। मत्स्य विभाग हरियाणा द्वारा जिला मत्स्य अधिकारी, यमुनानगर के कार्यालय में अनुसूचित जाति व अनुसूचित जन जाति के युवाओं के लिए 20 जुलाई से मछली पालन का दस दिवसीय प्रशिक्षण कार्यक्रम शुरू किया जा रहा है। इच्छुक युवा एवं व्यक्ति 19 जुलाई तक पोर्टल*सरलहरियाणाडॉटजीओवीडॉ टइन* पर प्रार्थना पत्र भेज सकते हैं।
उपायुक्त ने बताया कि मछली पालन विभाग द्वारा शुरू किए जा रहे इस 10 दिवसीय मछली पालन प्रशिक्षण कार्यक्रम में भाग लेने के इच्छुक युवाओं एवं व्यक्तियों को उक्त पोर्टल पर ही आवेदन देना होगा और मछली पालन का यह प्रशिक्षण लेने वाले लोगों एवं युवाओं को 100 रूपये प्रतिदिन के हिसाब से प्रशिक्षण भत्ता राशि प्रदान की जाएगी। उन्होंने बताया कि अनुसूचित जाति एवं जन जाति के लोग मछली पालन का यह प्रशिक्षण प्राप्त करके मछली पालन का कार्य शुरू कर सकते हैं। उन्होंने यह भी बताया कि मछली पालन का कार्य करने वाले अनुसूचित जाति व जन जाति के युवाओं एवं लोगों को सरकार की ओर से अनुदान भी दिया जाता है।
जिला मत्स्य अधिकारी विक्रम सिंह राणा ने मछली पालन के लिए अनुसूचित जाति व जन जाति के लोगों को दी जाने वाली वित्तीय सुविधाओं व अनुदान के बारे में जानकारी देते हुए बताया कि मछली पालन हेतू पटे पर लिए गए प्रति हैक्टेयर तालाब पर एक वर्ष के लिए 50 हजार रूपये से लेकर 2 लाख रूपये तक अनुदान दिया जाएगा। उन्होंने बताया कि मछली पालकों को 15 हजार रूपये की राशि का जाल खरीदने के लिए 7500 रूपये यानि 50 प्रतिशत की अनुदान राशि प्रदान की जाती है। इसी प्रकार मछली मण्डियों में प्रचूर बिक्री हेतू 3 हजार रूपये प्रति माह या दुकान के वास्तविक किराये की 50 प्रतिशत राशि प्रदान की जाती है। उन्होंने यह भी बताया कि पंचायती तालाब सुधार कार्यों पर 2 लाख रूपये प्रति हैक्टेयर की दर से पूरा खर्च मत्स्य विभाग द्वारा किया जाता है।
उपायुक्त ने बताया कि मछली पालन विभाग द्वारा शुरू किए जा रहे इस 10 दिवसीय मछली पालन प्रशिक्षण कार्यक्रम में भाग लेने के इच्छुक युवाओं एवं व्यक्तियों को उक्त पोर्टल पर ही आवेदन देना होगा और मछली पालन का यह प्रशिक्षण लेने वाले लोगों एवं युवाओं को 100 रूपये प्रतिदिन के हिसाब से प्रशिक्षण भत्ता राशि प्रदान की जाएगी। उन्होंने बताया कि अनुसूचित जाति एवं जन जाति के लोग मछली पालन का यह प्रशिक्षण प्राप्त करके मछली पालन का कार्य शुरू कर सकते हैं। उन्होंने यह भी बताया कि मछली पालन का कार्य करने वाले अनुसूचित जाति व जन जाति के युवाओं एवं लोगों को सरकार की ओर से अनुदान भी दिया जाता है।
जिला मत्स्य अधिकारी विक्रम सिंह राणा ने मछली पालन के लिए अनुसूचित जाति व जन जाति के लोगों को दी जाने वाली वित्तीय सुविधाओं व अनुदान के बारे में जानकारी देते हुए बताया कि मछली पालन हेतू पटे पर लिए गए प्रति हैक्टेयर तालाब पर एक वर्ष के लिए 50 हजार रूपये से लेकर 2 लाख रूपये तक अनुदान दिया जाएगा। उन्होंने बताया कि मछली पालकों को 15 हजार रूपये की राशि का जाल खरीदने के लिए 7500 रूपये यानि 50 प्रतिशत की अनुदान राशि प्रदान की जाती है। इसी प्रकार मछली मण्डियों में प्रचूर बिक्री हेतू 3 हजार रूपये प्रति माह या दुकान के वास्तविक किराये की 50 प्रतिशत राशि प्रदान की जाती है। उन्होंने यह भी बताया कि पंचायती तालाब सुधार कार्यों पर 2 लाख रूपये प्रति हैक्टेयर की दर से पूरा खर्च मत्स्य विभाग द्वारा किया जाता है।