वाहन मालिकों के लिए जरूरी खबर

सुप्रीम कोर्ट ने कहा- वैध प्रदूषण प्रमाण पत्र नहीं होने पर गाड़ी का रजिस्ट्रेशन कैंसिल किया जाना चाहिए

वाहन मालिकों के लिए जरूरी खबर . यमुनानगर हलचल yamunanagar hulchul. #yamunanagarhulchul

आप किसी वाहन के मालिक हैं तो यह खबर आपके लिए बेहद जरूरी है। सुप्रीम कोर्ट ने कहा है कि यदि किसी वाहन का वैध प्रदूषण नियंत्रण प्रमाण पत्र (पीयूसी) नहीं है, तो ऐसे वाहन के रजिस्ट्रेशन सर्टिफिकेट (आरसी) को सस्पेंड या कैंसिल किया जाना चाहिए। साथ ही कोर्ट ने पर्यावरण के हित में कई प्रकार के जुर्माने लगाने पर भी जोर दिया।

सुप्रीम कोर्ट ने यह फैसला मध्यप्रदेश सरकार की एक अपील पर दिया। यह अपील नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल (एनजीटी) सेंट्रल जोन भोपाल के 21 अप्रैल 2015 के एक आदेश के खिलाफ थी। 5 साल पहले एनजीटी ने बिना वैध पीयूसी वाले वाहनों की आरसी को निलंबित करने और उन्हें फ्यूल ना देने का आदेश दिया था।

सुप्रीम कोर्ट ने एनजीटी के फैसले को बरकरार रखा
सुप्रीम कोर्ट के जस्टिस अरुण मिश्रा और जस्टिस इंदिरा बनर्जी की बेंच ने शुक्रवार को इस मामले की सुनवाई की। हालांकि, कोर्ट ने नियम तोड़ने वाले वाहन को फ्यूल ना देने के आदेश को खारिज कर दिया। बेंच ने कहा कि बिना वैध पीयूसी वाले वाहनों के रजिस्ट्रेशन सर्टिफिकेट को सस्पेंड या कैंसिल किया जाना चाहिए। इसके अलावा, वाहन के मालिक या इसको नियंत्रित करने वाले व्यक्ति के खिलाफ कानून के तहत कार्यवाही की जा सकती है।

सेंट्रल मोटर व्हीकल रूल्स 1989 में दिए गए है प्रदूषण के मानक
सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि सेंट्रल मोटर व्हीकल रूल्स-1989 के रूल्स 115 और 116 में प्रदूषण के मापदंड और इनके उल्लंघन पर दंड का प्रावधान किया गया है। इसके मुताबिक, प्रदूषण मापदंड के उल्लंघन पर आरसी सस्पेंशन के अलावा वाहन मालिक को 6 महीने की जेल की सजा या 10 हजार रुपए का जुर्माना लगाया जा सकता है। इसके अलावा, वाहन के ड्राइवर के लाइसेंस को 3 महीने के डिस्क्वालीफाई किया जा सकता है।

वैध पीयूसी न होने पर फ्यूल लेने से नहीं रोक सकते: सुप्रीम कोर्ट
अगस्त 2015 में जब मध्य प्रदेश सरकार ने फ्यूल बैन के फैसले को चुनौती दी थी तो एनजीटी ने राज्य सरकार को एक सप्ताह के भीतर 25 करोड़ रुपए जमा करने का आदेश दिया था। सुप्रीम कोर्ट ने एनजीटी के दोनों आदेश पर रोक लगा दी है। सुप्रीम कोर्ट ने कहा है कि वैध पीयूसी के नियम का पालन नहीं करने वाले वाहन को फ्यूल लेने से नहीं रोका जा सकता है। सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि सेंट्रल मोटर व्हीकल रूल्स 1989 या एनजीटी एक्ट के तहत एनजीटी ऐसा फैसला नहीं दे सकती। #YamunanagarHulchul

SOURCEbhaskar.com
Previous articleब्‍यूटी के मायने
Next articleक्‍या लोन लेने की सोच रहे हैं, तो यह खबर आपके लिए ही है