यमुनानगर हलचल। 1098 के द्वारा चाइल्डलाइन को सूचना मिली कि जगाधरी शहरी थाना क्षेत्र के अंतर्गत आने वाली एक कॉलोनी में पिता द्वारा बच्चों के साथ मारपीट व दुव्यवहार किया जाता है। जानकारी देते हुए चाइल्डलाइन के कोऑर्डिनेटर भानू प्रताप ने बताया कि मामले का संज्ञान लेते हुए चाइल्डलाइन व पुलिस की संयुक्त टीम तुरंत बताये गए पते पर जाकर बच्चों से मिली, बच्चे बहुत सहमे हुए थे, बच्चों से बात की गई, तो उन्होंने बताया कि पापा शराब पीकर मारपीट करते हैं। उन्होंने मम्मी को भी मारपीट कर घर से बाहर निकाल दिया, बच्चों को समझाते हुए कहा कि उन्हें डरने की कोई आवश्यकता नहीं है,चाइल्डलाइन की टीम ने बच्चों की कॉउंसलिंग की व उनके दादा दादी और ताऊ ताई से भी बात की।
पुलिस की टीम ने बच्चों के पिता को चेतावनी दी कि यदि वहा बच्चों के साथ फिर से ऐसा बर्ताव करेगा तो उसके खिलाफ सख्त कार्यवाही की जाएगी। पुलिस की मौजूदगी में बच्चों को सुरक्षित दादा दादी के पास सुनिश्चित कर टीम वहाँ से वापिस आ गई। चाइल्डलाइन के कोऑर्डिनेटर भानू प्रताप ने बताया कि घरों में पिता या अन्य नशे के आदि लोगों के द्वारा बच्चों पर उत्पीडऩ के केस लगातार बढ़ रहे हैं। इसे बच्चों के मानसिक स्वास्थ्य पर बुरा असर पड़ रहा है। बच्चे निरन्तर अवसाद की तरफ बढ़ रहे हैं, उन्हें ये समझ नही आ रहा कि जिनके ऊपर हमारी सुरक्षा की सबसे ज्यादा जिम्मेदारी है वो भी नशे में हमारे साथ मारपीट करते हैं।
चाइल्ड लाइन की निदेशिका डॉ अंजू बाजपई ने कहा कि अब सबसे जरूरी है कि ऐसे अभिभावकों की भी निरंतर काउसलिंग की जाए और अभिभावकों व बच्चों और अध्यापक व बच्चों के बीच एक विश्वास जो कम हो गया है उसको बढ़ाया जाए। उन्होंने कहा कि नशा करने वाले ऐसे अभिभावकों को जागरूक करने की जरूरत है के इससे बच्चों में बहुत से मानसिक व बौद्धिक विकार उत्पन्न हो रहे हैं। चाइल्डलाइन निरंतर इस दिशा में कार्य कर रही है। और आमजन से भी अपील करती है के चाइल्डलाइन की इस मुहिम का हिस्सा बने और किसी भी मुसीबत में फंसे किसी बच्चे की मदद के लिए 1098 पर कॉल कर निशुल्क सहायता प्राप्त करें।
पुलिस की टीम ने बच्चों के पिता को चेतावनी दी कि यदि वहा बच्चों के साथ फिर से ऐसा बर्ताव करेगा तो उसके खिलाफ सख्त कार्यवाही की जाएगी। पुलिस की मौजूदगी में बच्चों को सुरक्षित दादा दादी के पास सुनिश्चित कर टीम वहाँ से वापिस आ गई। चाइल्डलाइन के कोऑर्डिनेटर भानू प्रताप ने बताया कि घरों में पिता या अन्य नशे के आदि लोगों के द्वारा बच्चों पर उत्पीडऩ के केस लगातार बढ़ रहे हैं। इसे बच्चों के मानसिक स्वास्थ्य पर बुरा असर पड़ रहा है। बच्चे निरन्तर अवसाद की तरफ बढ़ रहे हैं, उन्हें ये समझ नही आ रहा कि जिनके ऊपर हमारी सुरक्षा की सबसे ज्यादा जिम्मेदारी है वो भी नशे में हमारे साथ मारपीट करते हैं।
चाइल्ड लाइन की निदेशिका डॉ अंजू बाजपई ने कहा कि अब सबसे जरूरी है कि ऐसे अभिभावकों की भी निरंतर काउसलिंग की जाए और अभिभावकों व बच्चों और अध्यापक व बच्चों के बीच एक विश्वास जो कम हो गया है उसको बढ़ाया जाए। उन्होंने कहा कि नशा करने वाले ऐसे अभिभावकों को जागरूक करने की जरूरत है के इससे बच्चों में बहुत से मानसिक व बौद्धिक विकार उत्पन्न हो रहे हैं। चाइल्डलाइन निरंतर इस दिशा में कार्य कर रही है। और आमजन से भी अपील करती है के चाइल्डलाइन की इस मुहिम का हिस्सा बने और किसी भी मुसीबत में फंसे किसी बच्चे की मदद के लिए 1098 पर कॉल कर निशुल्क सहायता प्राप्त करें।