Yamunanagar Hulchul : Nukkad Natak recalls Sholay film.
Yamunanagar, 24 March. डी.ए.वी. गल्र्स कॉलेज की छात्राओं ने शोले फिल्म के किरदार गब्बर, सांभा, कालिया, बंसती व एक डॉक्टर के जरिए लोगों को टी.बी. के प्रति जागरूक किया। करीब 4 मिनट के इस नुक्कड़ नाटक में उन्होंने टी.बी. के कारण व बचाव के बारे में बखूबी संदेश दिया। जिसे लोगों ने खूब सराहा।
नुक्कड़ नाटक की शुरूआत कालिया द्वारा खों-खों करने से हुई। जब गब्बर ने सांभा से इसका कारण पूछा, तो उसने बताया कि सरदार, यह पिछले दो हफ्तों से खांस रहा है। जिस पर गब्बर ने जवाब दिया कि दो हफ्तों से खांसने पर टीबी हो सकती है। इसके बाद सांभा व कालिया को रामगढ़ में डाक्टरी जांच के लिए भेजा जाता है। जहां पर जांच में कालिया को टीबी की बीमारी पाई जाती है।
बसंती द्वारा कालिया को टीबी की दवाई लेने के तरीकों के बारे में विस्तार से समझाया जाता है। इसके बाद कालिया व सांभा, फिर से गब्बर के पास पहुंच जाते हैं। सांभा, गब्बर को बताता है कि सरदार कालिया को टीबी हो गई है। जिस पर गब्बर कहता है कि अब तेरा क्या होगा रे कालिया। कालिया सरदार को उसका नमक खाने की दुहाई देता है। लेकिन गब्बर उसे गुस्से में कहता है कि अब गोली खा, ये नहीं डॉट्स की गोली खा। यह डॉयलॉग सूनकर सभी लोग हंसी से लोटपोट हो जाते हैं।
टी.बी. से बचाव के लिए जागरूकता जरूरी
कॉलेज प्रिंसिपल डॉ. आभा खेतरपाल ने कहा कि टीबी से बचाव के लिए जागरूकता बेहद जरूरी है। मास्क हमें न केवल कोरोना से बचाता है, बल्कि टीबी से बचाने में भी महत्वपूर्ण किरदार अदा कर रहा है। टीबी का मरीज जब खांसता है, तो जीवाणु हवा में फैल जाते है, जो सांस के जरिए दूसरों के अंदर चले जाते हैं। जिस कारण वह भी टीबी से ग्रसित हो जाता है। ऐसे में मास्क हमें टीबी से बचाने में योगदान दे रहा है।
उन्होंने कहा कि फल, सब्जी और कार्बोहाइड्रेड, प्रोटीन, फैटयुक्त आहार का सेवन कर रोग प्रतिरोधक क्षमता को बढ़ाया जा सकता है। अगर व्यक्ति की रोक प्रतिरोधक क्षमता मजबूत होगी तो भी टीबी रोग से काफी हद तक बचा जा सकता है।
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